
जालंधर 3 सितंबर : पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ ने हजारों परिवारों को बेघर और बेहाल कर दिया है। ऐसे कठिन समय में जब हर कोई मदद के लिए हाथ बढ़ा रहा है, मुस्लिम समाज ने एक ऐतिहासिक मिसाल कायम करते हुए बड़ा सराहनीय कदम उठाया और इंसानियत भरा फैसला लिया है।
इस बार 5 सितम्बर को मनाए जाने वाले पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन ईद मिलादुन्नबी पर शोभायात्रा (जलूस) नहीं निकाली जाएगी। मुस्लिम समाज ने घोषणा की है कि जलूस और आयोजन पर होने वाला पूरा खर्च बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद और राहत व ज़रूरत का सामान उपलब्ध कराने में लगाया जाएगा।
यह अहम निर्णय ईदगाह सुन्नी शाही जामा मस्जिद कमेटी की ओर से मुस्लिम समाज ने सामूहिक रूप से फैसला लिया है कि इस बार ईद मिलादुन्नबी का जश्न, बाढ़ पीड़ितों की मदद कर मनाया जाएगा।
प्रधान एडवोकेट नईम खान ने आज ईदगाह में प्रेस वार्ता में कहा की आज के समय में असली इबादत यही है कि हम बाढ़ पीड़ितों की मदद करें। पैगंबर साहब की शिक्षा भी यही है कि इंसानियत की सेवा सबसे बड़ा नेक काम है। इसलिए इस साल हम जश्न मनाने की बजाय उन परिवारों की तकलीफ़ बाँटेंगे, जो बाढ़ से उजड़ चुके हैं।
प्रधान एडवोकेट नईम खान ने कहा की धार्मिक उत्सवों में आमतौर पर बड़े-बड़े आयोजन होते हैं, लेकिन इस बार पंजाब के मुस्लिम समाज ने यह दिखा दिया है कि किसी भी त्यौहार की असली रूह इंसान की सेवा और मदद में है। उनका यह फैसला पूरे समाज के लिए इंसानियत और भाईचारे का बड़ा पैग़ाम है। उनका कहना है कि असल ईद-ए-मिलाद तभी सार्थक होगी, जब ज़रूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान लाई जा सके।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि असली ईद मिलादुन्नबी का पैगाम इंसानियत, रहमत और जरूरतमंदों की मदद है। ऐसे में मौजूदा हालात में सबसे बड़ा जश्न यही होगा कि बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद की जाए।
वहीं धार्मिक संगठनों और समुदाय के अन्य नेताओं ने भी इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह कदम समाज में भाईचारे और इंसानियत की मिसाल पेश करता है।
एडवोकेट नईम खान ने कहा कि यह खबर न सिर्फ़ पंजाब बल्कि पूरे देश के लिए एक सकारात्मक पैगाम है कि धर्म का असली मकसद इंसानियत और एक-दूसरे के दुख-दर्द में साथ खड़ा होना है।
मुस्लिम समाज ने लोगों से भी अपील की है कि वे इस नेक पहल में अपना सहयोग दें। राशन, कपड़े, दवाइयाँ और अन्य ज़रूरी सामान बाढ़ पीड़ितों तक पहुँचाने का कार्य कमेटी द्वारा किया जा रहा है।
इस मौके पर सैयद अली जनरल सेक्रेटरी ईदगाह मस्जिद कमेटी, इमाम अब्दुल सुभान साहब ईदगाह मस्जिद , मौलाना आशिक राजा मस्जिद बस्ती बाबा खेल, मौलाना जाकिर रिजवी, रहमत अली प्रधान व मौलाना सलीम मस्जिद गांव टढ्ढा, प्रधान रजा ए मुस्तफा व मौलाना तालिब मस्जिद विजय कॉलोनी, ईशा बनारसी मस्जिद बहस्ती दरवाजा, अकबर अली प्रधान उलेमा बोर्ड, आलम बस्ती दानिश मंदा, सकील भाई पक्का बाघ , बदरुल खान , सिकंदर शेख , बालागुल रहमान आदि