दिल्ली: केंद्र सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (PFI) पर बैन लगा दिया है। केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को गैरकानूनी संगठन बताते हुए उस पर 5 साल का बैन लगाया है। साथ ही PFI के सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई हुई है। इन पर भी पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया है।केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार रात जारी एक अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार का मानना है कि PFI और उसके सहयोगी ऐसी विनाशकारी कृत्यों में शामिल रहे हैं, जिससे जन व्यवस्था प्रभावित हुई है, देश के संवैधानिक ढांचे को कमजोर किया जा रहा है और आतंक-आधारित शासन को प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा उसे लागू करने की कोशिश की जा रही है। अधिसूचना में कहा गया है कि संगठन देश के खिलाफ असंतोष उत्पन्न करने के इरादे से ‘‘राष्ट्र विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने और समाज के एक विशेष वर्ग को कट्टरपंथी बनाने” की लगातार कोशिश कर रहा है। गृह मंत्रालय ने कहा, ‘‘उक्त कारणों के चलते केंद्र सरकार का दृढ़ता से यह मानना है कि पीएफआई की गतिविधियों को देखते हुए उसे और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी संगठन घोषित करना जरूरी है।”PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वुमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन जैसे सहयोगी संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। PFI पर बैन के बाद अब ये देश में किसी प्रकार की गतिवधि को अंजाम नहीं दे सकता है। वह न तो आधिकारिक तौर पर कोई कार्यक्रम आयोजित कर सकता है, न उसका कोई दफ्तर होगा, न ही वो कोई सदस्यता अभियान चला सकेगा और न ही फंडिंग आदि ले सकेगा।

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