फगवाड़ा (शिव कौड़ा) मोहनलाल उप्पल डीएवी कॉलेज फगवाड़ा में प्रिंसिपल डॉ. किरणजीत रंधावा की देखरेख में गांधी जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य महात्मा गांधी की विरासत और उनके जीवन के मूल्यों राष्ट्र, मानवता और दर्शन को फिर से प्रदर्शित करना था। कार्यक्रम के भाषणों और चर्चाओं की मुख्य शर्तें गांधी के स्वतंत्र भारत के निर्माण खंड थे भारत में आगमन चंपारण सत्याग्रह 1917 अहमदाबाद मिल हड़ताल 1918 खेड़ा सत्याग्रह 1918 रोलेट एक्ट 1919 सत्याग्रह असहयोग आंदोलन 1921-22 सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930-34 और भारत छोड़ो आंदोलन 1942 ‘अहिंसा’ को गांधीजी का जीवन और जीवन के प्रति सबसे मजबूत उपकरण और दृष्टिकोण माना जाता था ‘अहिंसा’ विश्व बुद्धिजीवियों का दिल जीतने का रहस्य प्राचार्य ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि गांधी जी का जीवन संघर्षपूर्ण रहा, जिसे स्वतंत्रता संग्राम के नाम से जाना जाता है। डॉ.रंधावा ने कहा कि गांधी जी का जीवन संघर्षपूर्ण रहा मनुष्य और राष्ट्र के मूल्यों को सिखाता है। उन्होंने तर्क दिया कि शांति धैर्य और स्वतंत्रता के लिए गांधीजी का जुनून और दूरदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने उनके प्रयासों की सराहना की और कहा कि गांधीजी जैसे महान व्यक्तित्वों से महान चीजें सीखनी चाहिए।

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