स्क्रब टाइफ्स संक्रमित चिगर्स (लार्वा माइट्स) के काटने से होता है (फोटो क्रेडिट- गेटी)

नई दिल्ली,: कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश में रहस्यमयी बुखार ने चिंता बढ़ा दी है. इस बुखार की पहचान स्क्रब टाइफ्स  के रूप में हुई है. इसलिए ये बुखार आखिर फैलता कैसे है और स्क्रब टाइफ्स के लक्षण, बचाव क्या हैं यह जानना भी जरूरी है. मथुरा की चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर रचना गुप्ता ने बुधवार को बताया था कि कुह नाम के एक ही गांव में करीब 26 बच्चे इससे संक्रमित थे. वहीं पिपरोथ, राल और जसोदा में भी क्रमश: 3, 14 और 17 मामले सामने आए हैंस्क्रब टाइफ्स से इस क्षेत्र में कुल 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से 8 तो बच्चे ही थे. इसके अलावा वेस्टर्न यूपी के जिले जैसे आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा और कासगंज में भी संक्रमण और मौत के मामले सामने आए हैं, जिनके सैम्पल की जांच जारी है.रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र  के मुताबिक, स्क्रब टाइफ्स  को शर्ब टाइफ्स भी कहते हैं. यह ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी  नाम के बैक्टीरिया से होता था. ये बैक्टीरिया लोगों में तब फैलता है जब उनको इससे संक्रमित चिगर्स (लार्वा माइट्स) काट ले.स्क्रब टाइफ्स में लक्षण चिगर्स (लार्वा माइट्स) के काटने के 10 दिनों के अंदर दिखने लगते हैं. बुखार, नाक बहना, सिर दर्द, शरीर और मांसपेशियों में दर्द, चिड़चिड़ा होना, शरीर पर चकते पड़ना आदि इसके लक्षण हैं.सीडीसी के मुताबिक, स्क्रब टाइफ्स की कोई वैक्सीन तो नहीं है. लेकिन इससे बचा जा सकता है. इसमें किसी संक्रमित व्यक्ति से उचित दूरी बनाना सबसे अहम है. इसके अलावा ऐसे इलाकों में जाने से बचना चाहिए जहां चिगर्स (लार्वा माइट्स) होते हैं.इसके साथ-साथ सीडीसी द्वारा लोगों को हाथ-पैर ढककर रखने की सलाह दी जाती है. लोगों को Permethrin कीटनाशक के इस्तेमाल की भी सलाह दी जाती है क्योंकि इससे लार्वा माइट्स मरते हैं

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