राजस्थान : जोधपुर मंडल के नावा में एशिया का पहला हाई स्पीड डेडिकेटेड टेस्टिंग ट्रैक निर्माणाधीन है। 810 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह ट्रैक दो चरणों में तैयार होगा। फिलहाल, पहले चरण में 25 किलोमीटर लंबा ट्रैक बन रहा है, जिसमें से 9 किलोमीटर का हिस्सा बनकर तैयार हो चुका है। अगले 2-3 महीनों में पहले चरण का पूरा 25 किलोमीटर लंबा ट्रैक बन जाएगा।
इसके बाद दूसरे चरण में 37 किलोमीटर लंबे घुमावदार और अंधे मोड़ वाले ट्रैक का निर्माण होगा, जिसे दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस ट्रैक पर 220 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हाई स्पीड ट्रेनों की टेस्टिंग की जाएगी। इससे पहले, भारत में कोटा-नागदा रूट्स पर स्पीड ट्रायल होते थे, लेकिन इस नए डेडिकेटेड ट्रैक के निर्माण से ट्रायल के लिए ब्लॉक लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे अन्य ट्रेनों के मार्ग में बदलाव नहीं करना पड़ेगा।
ट्रैक के निर्माण के लिए रेलवे को नावा शहर में जमीन में दबा मीटर गेज का ट्रैक मिल गया, जिससे जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया से बचा जा सका। इस डेडिकेटेड ट्रैक पर सभी प्रकार के तकनीकी उपकरण और मापक यंत्रों की बारीकी से जांच की जाएगी। इसके साथ ही, रोलिंग स्टॉक और इसके घटकों, रेलवे पुल और भू-तकनीकी से संबंधित नई तकनीकों का भी परीक्षण किया जाएगा। यह विश्व स्तरीय टेस्टिंग ट्रैक भारत में रेलवे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और विभिन्न देशों के संपर्क में आकर उनकी आवश्यकताओं के अनुसार भी सेवाएं प्रदान करेगा।