6 साल उत्तर प्रदेश में राजनीति करने वाले बलवंत सिंह रामूवालिया पंजाब लौट रहे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले वह भी अपनी लोक भलाई पार्टी रीलॉन्च कर सकते हैं। इसके लिए वह सही समय का इंतजार कर रहे हैं। वह पिछले कुछ समय से पंजाब में हैं और अकसर अलग-अलग समय पर राजनीतिक लोगों सके मिल रहे हैं और बयान दे रहे हैं।लुधियाना में दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए बलवंत सिंह रामूवालिया ने कहा कि किसान आंदोलन चल रहा है और किसान नेताओं ने किसी भी तरह का राजनीतिक प्रचार करने से मना किया है। इसलिए वह चुप हैं और इस पर बात नहीं कर रहे, मगर सही समय आते ही वह इसका ऐलान भी कर देंगे। पंजाब सियासत में पहले ही कई दल और पार्टियां हो गई हैं और इस बार का चुनाव रोचक होने वाला है।

बता दें कि बलवंत सिंह रामूवालियां की एंट्री से इसकी रोचकता और भी बढ़ने वाली है। क्योंकि वह शिरोमणि अकाली दल बादल से इस्तीफा देकर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के समय वहां चले गए थे और अब चुनाव से पहले वहां से भी आना चाह रहे हैं।बलवंत सिंह रामूवालिया की तरफ से 1999 में लोक भलाई पार्टी का गठन किया गया था। 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले 2011 में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय शिअद में कर दिया था। वह मोहाली से शिअद की सीट पर चुनाव लड़े और हार गए थे, मगर सरकार शिरोमणि अकाली दल बादल की बनी। इसके बाद वह 2015 में उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के आह्वान पर उत्तर प्रदेश चले गए और वहां पर उन्हें जेल मंत्री बना दिया गया। अब वह वहीं पर राजनीति में सक्रिय थे। 2022 चुनाव से पहले वह फिर से पंजाब आ गए हैं और अपनी पार्टी को रीलॉन्च करना चाहते हैं और इसकी संभावनाएं तलाश रहे हैं। रामूवालिया ने कहा कि इससे पहले जब देवगौड़ा सरकार में वह केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री बने, तब भी मुलायम सिंह यादव ने ही उन्हें सांसद न होते हुए भी केंद्र में अहम स्थान दिलवाया था। रामूवालिया जल्द ही मोहाली आएंगे।

रामूवालिया ने 1996 में शिअद से नाता तोड़ा था और केंद्र में मंत्री बने थे। उन्हें देवगोड़ा सरकार में मुलायत सिंह यादव ने ही मंत्री बनाया था और वह छह साल तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं। बलवंत सिंह रामूवालिया जब भी मंत्री या कैबिनेट रैंक लेकर सरकार में रहे हैं, बिना चुनाव जीत ही रहे हैं। वह अपनी पार्टी से भी चुनाव लड़े, मगर इसका कोई खास फायदा उन्हें नहीं मिला है। मगर वह फिर से पार्टी बनाकर पंजाब की सरगर्म सियासत में आ रहे हैं।

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