चंडीगढ़ : विजिलेंस के निशाने पर अब पी.डब्ल्यू.डी. के पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा जारी किए गए टेंडर आ गए हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान टैंडरों में कुछ घोटाले किए गए थे। इन घोटालों के खुलासे की जिम्मेदारी विजिलेंस के ऊपर आ गई है। इसी के चलते विजिलेंस ने 5 सितंबर को पूर्व पी.डब्ल्यू.डी. मंत्री विजय इंदर सिंगला के करीबी माने जाने वाले कुछ लोगों को तलब किया है। इन लोगों में सिंगला का दाहिना हाथ माने जाते विनोद कुमार ‘नीतू’, मुक्तसर, बरेटा, बठिंडा के रहने वाले 3 लोगों के अलावा और दो सुपरिंटेंडेट इंजीनियर और लुधियाना  में एक  व्यक्ति भी शामिल है। इन सभी पर टेंडर घोटालों में शामिल होने का आरोप है।

मिले सूत्र  से प्राप्त जानकारी के अनुसार हाई-प्रोफाइल केस होने के कारण इस बात का खुलासा नहीं किया जा रहा है लेकिन विजिलेंस के कुछ अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों को जांच के लिए बुलाया गया है। उनका कहना है कि अभी जांच की जा रही है और इस बारे में अभी कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा। आपको बता दें कि गत दिवस एक ठेकेदार ने विजिलेंस टीम को एक चैट सौंपी थी। इस चैट में फंड के लिए पैसे जुटाने की बात कही गई है। इसके आधार पर उस समय जारी हुए टेंडरों की भी जांच की जा रही है।

आप  सरकार के सत्ता में आने के बाद सरकार ने पिछली सरकारों द्वारा जारी किए 5 करोड़ से अधिक टैंडरों की जांच शुरू कर दी थी। इस जांच में सामने आया कि टैंडर पहले ज्यादा कीमत पर अलॉट पर होते थे लेकिन कांग्रेस सरकार दौरान उसे घटाकर सिर्फ 1-2 प्रतिशत तक ही सीमित कर दिया गया जिससे सरकारी खजाने में कमी हो गई। इतना ही नहीं पिछले साल अक्तूबर में स्मार्ट सिटी कपूरथला से संबंधित एक सड़क प्रोजैक्ट के लिए लगभग 100  करोड़ का टैंडर जारी किया गया था। कुछ अधिकारियों द्वारा मामले को सामने लाने के बाद टैंडर दोबारा इतने करोड़ की कीमत के साथ जारी हुआ जिससे सरकार को कुल 20 करोड़ की बचत हुई। बार-बार संपर्क करने पर पूर्व मंत्री  इस संबंधी बात नही हो सकी

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