दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को देश का आम बजट पेश करेंगी, जिसमें देश के विभिन्न वर्गों की उम्मीदें और अपेक्षाएँ जुड़ी हुई हैं। इस बार, खासकर युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों से संबंधित कई उम्मीदें और मांगें हैं, जो इस बजट में संभवतः शामिल हो सकती हैं। आइए इन वर्गों की उम्मीदों और बजट से जुड़ी आवश्यक अपेक्षाओं पर विस्तार से नजर डालते हैं।देश के युवाओं की बड़ी उम्मीदें इस बजट से जुड़ी हैं। खासकर कामकाजी युवाओं को टैक्स में राहत मिलने की संभावना है, क्योंकि बड़े शहरों में रहने वाले कामकाजी युवाओं का कहना है कि उन्हें टैक्स तो अधिक देना पड़ता है, लेकिन इसके बदले उन्हें पर्याप्त सेवाएं नहीं मिल पातीं। ऐसे में सरकार से उनकी मांग है कि टैक्स की दरों में कटौती की जाए, ताकि उनकी वित्तीय स्थिति पर दबाव कम हो।इसके अलावा, युवाओं की एक बड़ी उम्मीद क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी हुई है। आजकल क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का चलन बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ टैक्स दरों में भी कोई स्पष्टता नहीं है। युवा चाहते हैं कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स में कटौती करे या कम से कम टैक्स नियमों को साफ़ और सरल बनाएं। युवाओं की एक और बड़ी मांग यह है कि सरकार देश में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करे।महिलाओं को इस बजट से विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण से संबंधित योजनाओं और बजटीय आवंटन में वृद्धि की उम्मीद है। पिछले साल के बजट में सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था और इस साल भी महिला सशक्तिकरण के लिए अधिक बजट देने की उम्मीद की जा रही है। महिलाएँ यह चाहती हैं कि सरकार महिला सम्मान बचत योजना की अवधि को बढ़ाए, जो वर्तमान में 31 मार्च 2025 तक लागू है। महिलाओं के लिए विशेष रूप से महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार से कुछ नई घोषणाओं की उम्मीद है।

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