विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में डीएवी कॉलेज जालन्धर में लगाए गए पौधे।
कॉलेज के एनएसएस, रेड रिबन क्लब एवम यूथ सर्विस क्लब द्वारा विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस।
डीएवी कॉलेज के एनएसएस, रेड रिबन क्लब एवम यूथ सर्विस क्लब द्वारा विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर पौधारोपण किया गया। इस दौरान कॉलेज के एलुमनाई सी.ऐ. श्री वासु अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। जिनका स्वागत प्रिंसिपल डा. एस. के. अरोड़ा, वाईस प्रिंसिपल प्रो. वी. के. सरीन एवम एनएसएस कोऑर्डिनेटर प्रो. एस. के. मिड्डा द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट करके किया गया।
इस दौरान प्रिंसिपल डा. एस. के. अरोड़ा ने कहा कि प्रकृति हमारी सबसे बड़ी मित्र है, यह हमें जीवन प्रदान करती है। लेकिन जैसे-जैसे शहर विकसित हो रहे हैं, हरियाली कम और कंक्रीट के जंगल बढ़ते जा रहे हैं। हर साल प्रदूषण के मामले में बढ़ोतरी हो रही है। प्रदूषण की वजह से मौत के आंकड़े भी बढ़ जाते हैं। यदि हम अभी से नहीं चेते तो आने वाले कुछ सालों में साफ हवा में सांस लेने के लिए सिर्फ पहाड़ और जंगल ही बचे रह जाएंगे। प्रदूषण लगातार हमारी सांसें कम कर रहा है। नए पैदा होने वाले कई बच्चों पर इसका असर भी दिख रहा है। पेड़ कम होने से तपिश बढ़ रही है और वर्षा भी कम हो रही है। इसलिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए। आज विश्व पर्यावरण दिवस है, ऐसे मौके पर हम सभी को कोई ऐसा प्रण लेना चाहिए जो आने वाली पीढ़ियों को साफ सुथरी हवा देने में मददगार हो सके।
मुख्य मेहमान सी.ऐ. श्री वासु अग्रवाल ने कहा कि हमारी धरती पर पिछले कुछ सालों में भूकंप, बाढ़, सूनामी जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। प्रकृति की इन आपदाओं में जान-माल का खूब नुकसान होता है। दरअसल, हमारी धरती के ईको-सिस्टम में आए बदलावों और तेजी से बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग के कारण ही ये सब हो रहा है। वैज्ञानिकों की मानें तो आज हमारी धरती अपने भार से कहीं अधिक भार वहन कर रही है। अगर यही हाल रहा तो 2030 तक हमें रहने के लिए दूसरे प्लेनेट की जरूरत होगी। इसलिए हमें अपने पर्यावरण को बचाना चाहिए।
वाईस प्रिंसिपल प्रो. वी.के. सरीन ने कहा कि आम लोगों को भी पर्यावरण में योगदान देना चाहिए, इसके लिए हमें अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखना चाहिए। सड़क पर कूड़ा ना फेंके और न ही कूड़े में आग लगाएं। कूड़ा रीसाइकल के लिए भेजें। प्लास्टिक, पेपर, ई-कचरे के लिए बने अलग-अलग कूड़ेदान में कूड़ा डाले ताकि वह आसानी से रीसाइकल के लिए जा सके। इन सब से हम पर्यावरण को बचा सकते हैं।
एनएसएस कोऑर्डिनेटर प्रो. एस. के. मिड्डा ने कहा कि भगवान ने हमें प्रकृति की सौगात दी है, जो हमें हर पल पौषित करती है। आज हम पेड़ काटकर उस प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उस प्रकृति की रक्षा करने की ज़िम्मेदारी हम सब के कंधों पर है। इस विश्व पर्यावरण दिवस पर हमें प्रण लेना चाहिए कि हम प्रकृति की रक्षा करेंगे और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएंगे।
इस दौरान प्रो. मोनिका, प्रो. पूजा, प्रो. राहुल सेखड़ी एवम विद्यार्थी भी मौजूद रहे।