
Chandigarh ()24/04/25
भा.प्र.से. (सेवानिवृत्त) अधिकारी एवं भाजपा पंजाब अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री एस.आर. लाधर ने पंजाब सरकार द्वारा श्री रोहित खोखर को पंजाब अनुसूचित जाति आयोग का सदस्य नियुक्त करने पर तीव्र आपत्ति जताई है। उन्होंने पंजाब के राज्यपाल को भेजे पत्र में स्पष्ट किया कि श्री खोखर ईसाई समुदाय से संबंध रखते हैं और संविधान के अनुसार अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित पद पर उनकी नियुक्ति पूरी तरह से अवैध है।
श्री लाधर ने यह भी कहा कि पंजाब में फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र बनवाना अत्यंत आसान हो गया है और सरकार ऐसे दस्तावेजों की आड़ में इस नियुक्ति को सही नहीं ठहरा सकती। उन्होंने चेताया कि इस प्रकार की नियुक्तियाँ यदि चलन में आ गईं, तो अनुसूचित जातियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा और उनका हक गैर-योग्य लोगों द्वारा छीना जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम दो समुदायों के बीच तनाव पैदा करने की एक साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है, जैसा कि पंजाब में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों के अपमानजनक ढंग से तोड़े जाने की घटनाओं से स्पष्ट है।
श्री लाधर के इस पत्र के बाद, पंजाब के मुख्यमंत्री को श्री रोहित खोखर की नियुक्ति पर रोक लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा है, और अब इसकी उचित जांच की जाएगी।
श्री लाधर ने दोहराया, “बाबासाहब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान में यह स्पष्ट है कि अनुसूचित जातियों के आरक्षण का लाभ केवल हिंदू, सिख और बौद्ध धर्म से संबंधित लोगों को ही मिल सकता है। किसी भी सरकार को यह अधिकार नहीं है कि वह वोट बैंक की राजनीति के लिए इन प्रावधानों का दुरुपयोग करे।”
उन्होंने सभी अनुसूचित जाति संगठनों और समाज के प्रबुद्धजनों से अपील की कि वे सतर्क रहें और इस प्रकार के छलपूर्ण प्रयासों का एकजुट होकर विरोध करें। साथ ही आश्वासन दिया कि भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा सदैव वंचितों की आवाज़ और संविधान के रक्षक के रूप में डटा रहेगा।