श्री चैतन्य महाप्रभु राधा माधव मंदिर प्रताप बाग में अन्नकूट महोत्सव पूर्ण श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मंदिर में मनाया गया। संकीर्तन का शुभारंभ अमित चड्डा, राजेश शर्मा, पुजारी श्रीनिवास, मनोज कौशल और कृष्ण गोपाल द्वारा गुरु वंदना और वैष्णव बंदना द्वारा किया गया ।

 

श्री केवल कृष्ण जी ने बताया कि पृथ्वी देवी अब राक्षसों द्वारा किए गए पापों का बोझ नहीं उठा सकती थी। इसलिए वह ब्रह्मा के पास आई और उन्हें राक्षसों द्वारा किए गए पापों के बोझ को सहन करने में अपनी असमर्थता के बारे में बताते हुए उनसे रक्षा के लिए प्रार्थना की। ब्रह्मा ने उससे कहा कि वे सभी देवताओं के साथ ‘क्षीर सागर’ में भगवान विष्णु के पास जायेंगे। और सब ने वहाँ जाकर भगवान् से प्रार्थना की। इस जगत में प्रकट होने की भगवान की इच्छा हुई। तब उन्होंने श्रीमती राधारानी को पहले इस संसार में अवतरित होने के लिए कहा, किन्तु उन्होंने कहा, ” जहाँ यमुना और गोवर्धन नहीं हैं, ऐसे स्थान पर मेरी जाने की इच्छा नहीं है।” उनकी बात सुनकर, भगवान कृष्ण ने अपने 84 कोस के अप्राकृत गोलोक धाम को इस संसार में अवतरित किया, किन्तु गोवर्धन को शाल्मली-द्वीप नामक स्थान पर द्रोण पर्वत के पुत्र के रूप में प्रकट किया।

 

गिरिराज धरण मैं तो तेरी शरण, श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहयो, गोविंद हरे गोपाल हरे जय जय प्रभु दीनदयाल हरे व हरे कृष्ण महामंत्र संकीर्तन में सभी भाव विभोर हो गए ।

 

नरिंदर गुप्ता, राजकुमार जिंदल, केवल कृष्ण, टी एल गुप्ता, नीरज जोली, कपिल देव शर्मा, गगन अरोड़ा, चंद्रमोहन राय, विकास ठुकराल, नवल ठुकराल, अजय अग्रवाल, गोपाल कृष्ण, अश्विनी मिंटा, हेमंत थापर, करण वीर, सन्नी दुआ, राजन गुप्ता, ललित अरोड़ा, नीरज कोहली, गुरविंदर, तापस गुप्ता, जगन्नाथ शर्मा, नरेंद्र कालिया राधा वल्लभ, पुरुषोत्तम, यंकिल, वैभव व अन्य मौजूद थे |

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