श्री चैतन्य महाप्रभु राधा माधव मंदिर प्रताप बाग में श्री गुरु गौरांग श्री राधा माधव जी का प्रकट तिथि महोत्सव बहुत श्रद्धापूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ गुरु वंदना और वैष्णव वन्दना से किया गया। जयदेव गोस्वामी जी द्वारा रचित मंगलगीत का गान करते हुए श्री चैतन्य महाप्रभु श्री श्री राधा माधव जी का पंचगव्य से महाभिषेक किया गया।

केवल कृष्ण जी ने भगवान के श्रीविग्रह के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जो मनुष्य भगवान के श्रीविग्रह को पत्थर की मूर्ति समझता है, गुरु जी को साधारण मनुष्य के समान समझता है, चरणामृत को साधारण जल के समान समझता है और हरे कृष्ण महामंत्र को साधारण शब्द के सामान समझता है, वह नरक में जाता है। हमारी ऐसी बुद्धि ना हो इसके लिए हमें भगवान के शुद्ध भक्तों का संग करना चाहिए, जिनके 24 घंटे भगवान की सेवा में व्यतीत होते हैं। शरणागत के हृदय में भगवान का आविर्भाव होता है । उन्होंने कहा कि श्री चैतन्य महाप्रभु श्री राधा माधव मंदिर की स्थापना सन 1986 में हुई थी। मंदिर की स्थापना में मुख्य रूप से श्री धर्मपाल शर्मा , हिंद पाल अग्रवाल, श्री राम भजन पांडे जीने जी ने मंदिर के निर्माण में बहुत ज्यादा योगदान दिया ।

सन्नी दुआ द्वारा हरे कृष्ण महामंत्र संकीर्तन करते प्रोग्राम को विश्राम दिया।

नरेंद्र गुप्ता, रेवती रमन गुप्ता, अजीत तलवाड़, राजेश शर्मा, कपिल शर्मा, अनिल सेठ, मनोज कौशल, चन्द्रमोहन, अजय अग्रवाल, मिंटु कश्यप, राजीव ढींगरा, प्रेम चोपड़ा, राजन गुप्ता, हेमंत थापर, सत्यव्रत गुप्ता, विजय सग्गड़, ओम भंडारी, राकेश चोपड़ा, आकाश, अंबरीश, जगन्नाथ, गौर, कृष्ण गोपाल, त्रिविक्रम दास, कार्तिक, नरेंद्र कालिया, देवेंद्र भाखड़ी, नीरज कोहली, तापस गुप्ता, घनश्याम राय, गुरुवरिंदर, मनीष वर्मा, सुनील शर्मा, यंकिल कोहली, मानव गुप्ता, व अन्य मौजूद थे ।

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