जालंधर : हरियाणा में टिकटों की बांट को लेकर शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के मध्य पनपी तनातनी पंजाब के व्यापारियों के लिए संकट पैदा करने वाली बनने लगी है। केंद्र सरकार ने पंजाब को खरीफ  सीजन के लिए मंडियों से धान की खरीद हेतु जारी की जाने वाले 30,000 करोड़ रुपए से अधिक की कैश क्रैडिट लिमिट (सी.सी.एल.) वाली राशि पर रोक लगाने के संकेत कर दिए गए हैं। इससे पंजाब सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। केंद्र ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी थी कि  धान की खरीद में लगे व्यापारी किसानों की फसलों का मूल्य अदा करने का विवरण वैब पोर्टल पर नहीं डालते तो सी.सी.एल. वाली राशि रोक दी जाएगी। दूसरी ओर केंद्र सरकार के वैब पोर्टल पर विवरण डालने का विरोध अकाली दल के वे नेता कर रहे हैं जो आढ़ती संगठन के नेता भी हैं।

इधर व्यापारियों और केंद्र सरकार के नियमों के बीच सैंडविच बनी पंजाब सरकार ने एक पत्र जारी करके कहा कि अगर व्यापारियों ने धान का सीजन शुरू होने से पहले-पहले अपना और किसानों का विवरण वैब पोर्टल पर नहीं डाला तो उन्हें धान खरीद की वर्ष 2019-20 की कमीशन नहीं अदा की जाएगी। हालांकि पंजाब सरकार के 15 अक्तूबर तक विवरण देने के आश्वासन के बाद केंद्र सरकार ने व्यापारियों की कमीशन इत्यादि की पिछले वर्ष की राशि 768 करोड़ रुपए शुक्रवार सायं जारी कर दिए हैं। सूत्रों ने खुलासा किया है कि पंजाब सरकार ने राज्य के लिए संकट उत्पन्न करने वाले व्यापारी नेताओं के खाते खंगालने शुरू कर दिए हैं।

वैब पोर्टल पर 2 वर्षों से किसानों का विवरण नहीं डाल रहे व्यापारी 
केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के व्यापारियों को किसानों का विवरण डालने के लिए 2 वर्षों से कहा जा रहा है परन्तु इस मामले को लटकाया जा रहा था। बेशक पंजाब सरकार ने अन्य खाते से पिछली फसल की खरीद के खर्चे और व्यापारियों की कमीशन दे दी थी, परन्तु केंद्रीय पूल के लिए खरीदी पिछली फसल की यह 768 करोड़ रुपए की राशि केंद्र ने रोक ली थी। पंजाब द्वारा वैब पोर्टल को 15 अक्तूबर तक मुकम्मल करने के आश्वासन पर केंद्र ने यह 768 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी है।

खाद्य आपूर्ति विभाग की डायरैक्टर अनंदिता मित्रा ने कहा कि केंद्र सरकार की स्पष्ट हिदायत है कि अगर पोर्टल पर काम पूरा नहीं होता तो पंजाब को खरीफ  की फसल के लिए दी जाने वाली कैश क्रैडिट लिमिट पर रोक लगाई जा सकती है। पंजाब सरकार ने एक आधिकारिक पत्र जारी करके कहा कि अगर व्यापारी वैब पोर्टल का काम पूरा नहीं करते हैं तो ऐसे व्यापारियों का विवरण सी.सी.एल. सूची से हटा दिया जाएगा और उन्हें फसल खरीद की कमीशन नहीं दी जाएगी।

पंजाब का कोर्ट में जवाब, आढ़तियों के मार्फत मिलेगी किसानों को राशि
इस मामले में किसानों द्वारा दायर की एक याचिका पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चल रही है। 27 सितम्बर को इस मामले की सुनवाई थी। सरकार की तरफ  से पंजाब के खाद्य आपूर्ति विभाग की निदेशक अनंदिता मित्रा पेश हुई थीं। सरकार की तरफ  से यह स्पष्ट किया गया कि किसानों के विवरण वैब पोर्टल पर डालने का आवश्यक संदेश केंद्र सरकार का है और पंजाब सरकार इस मामले में वचनबद्ध है कि फसलों की अदायगी पंजाब सरकार व्यापारियों के खाते में डालेगी और व्यापारी ये राशि किसानों के खाते में चैक, बैंक ड्राफ्ट अथवा ऑनलाइन मार्फत डालेंगे।

सरकार ने अदालत को बताया कि व्यापारियों ने किसानों को दी जाने वाली राशि का विवरण ही वैब पोर्टल पर डालना है ताकि यह सुनिश्चित हो कि केंद्र द्वारा एम.एस.पी. के आधार पर जारी की गई राशि किसान को कम तो अदा नहीं की गई। अदालत के निर्देशों पर पंजाब सरकार इस संदर्भ में शीघ्र ही हलफनामा दायर करने जा रही है। इस मामले की सुनवाई आगामी 29 अक्तूबर को होनी है।

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