
संस्कृति के० एम० वी० स्कूल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर प्री-प्राइमरी विंग, कक्षा पहली एवं दूसरी के विद्यार्थियों के लिए अनेक रचनात्मक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य बच्चों के कोमल मन में शांति, अहिंसा, सादगी, नेतृत्व और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देना है ।
प्री-प्राइमरी विंग के विद्यार्थियों ने महान नेताओं के जीवन चरित्र की प्रस्तुति के माध्यम से सत्य, अहिंसा और देशभक्ति से ओत-प्रोत नारों के माध्यम से सादगी एवं देशप्रेम की भावना को जीवंत किया। कक्षा एक के छात्रों ने महात्मा गांधी जी के सात सिद्धांतों को सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया । कक्षा दूसरी के छात्रों ने गांधी जी के सिद्धांतों पर अनुच्छेद लिखकर उनके प्रति अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त किया । दूसरी कक्षा के छात्रों ने गांधी जी और शास्त्री जी का प्रभावशाली अभिनय कर उनके जीवन मूल्यों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। तीन छात्रों ने गांधी जी के ‘तीन बंदरों’ का अभिनय कर ‘बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो’ के सिद्धांतों को जीवंत कर मूल्यों का अनुसरण करने की शिक्षा दी ।
दशहरा उत्सव के अंतर्गत प्री प्राइमरी विंग के नन्हें – मुन्ने बच्चों के द्वारा सीता हरण की झाँकी प्रस्तुत की । कक्षा पहली एवं दूसरी के छात्रों को बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक रूप में एनिमेटेड फिल्म दिखाई गई। कुछ छात्रों ने रावण के दस सिरों का प्रतीकात्मक प्रदर्शन कर नकारात्मक भावनाओं जैसे क्रोध, लोभ, अहंकार का दमन करने की सीख दी । स्कूल प्रधानाचार्या श्रीमती रचना मोंगा जी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में बच्चों को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी की शिक्षाओं को आत्मसात करने और उन्हें जीवन में अपनाने का संदेश दिया । उन्होंने छात्रों, उनके अभिभावकों को बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयादशमी की शुभकामनाएँ देते हुए अंतर्मन में छिपे रावण रूपी अहंकार का अंत कर सत्यता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया ।