जालंधर : सिविल अस्पताल में आम जनता से पैसे लेकर किस प्रकार भ्रष्टाचार फैलाया जा रहा है, इस बात को विजिलैंस विभाग ने आखिर उजागर कर ही दिया है। विजिलैंस ब्यूरो के थाना जालंधर रेंज में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत केस दर्ज कर एक निजी सुरक्षा गार्ड को सिविल अस्पताल में तैनात एक पी.सी.एम.एस. आर्थोपैडिक डाक्टर के नाम पर रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान जिला होशियारपुर के गांव चक्क साधू वाला नरेंद्र कुमार के तौर पर हुई है।
उक्त गार्ड द्वारा एक विकलांग से विकलांगता प्रमाण पत्र के नाम पर 10 हजार मांगने इतनी शर्मनाक बात है कि इससे साफ पता चलता है कि सिविल अस्पताल में विकलांगों से भी पैसे लिए जाते हैं और इसके बावजूद अस्पताल अधिकारी मौन है। सिविल अस्पताल में अधिकारी जोकि लाखों रुपए हर महीने वेतन इस बात का लेते हैं कि सिविल अस्पताल में आम लोगों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।गौर हो कि कुछ साल पहले विजिलैंस विभाग समय-समय पर अपने तौर पर अस्पताल का रिकार्ड चैक करती आई है। इसके बाद से विजिलैंस विभाग द्वारा अस्पताल में चैकिंग न होने के चलते अस्पताल में सक्रिय कुछ भ्रष्टाचारी बेखौफ होकर काम कर रहे हैं और जनता को लूट रहे हैं।