
जम्मू, कश्मीर: हाल ही में युद्धविराम की घोषणा के बावजूद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने कोई ढिलाई नहीं बरती है। बीते वर्षों में पाकिस्तान की ओर से हुई आतंकी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए धार्मिक स्थलों और तीर्थ यात्राओं की सुरक्षा को और पुख्ता कर दिया गया है।पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने जम्मू, कश्मीर और सीमावर्ती इलाकों में मौजूद मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और चर्चों की निगरानी बढ़ा दी है। अधिकारियों के मुताबिक यह कदम एहतियातन उठाया गया है ताकि कोई भी असामाजिक तत्व शांति भंग न कर सके। जम्मू क्षेत्र में प्रमुख रूप से 11 बड़े मंदिर, 133 मस्जिदें व जियारतगाहें, 9 बड़े गुरुद्वारे और 74 चर्च स्थित हैं। अकेले जम्मू शहर में ही 29 चर्च मौजूद हैं। इन सभी स्थलों की सुरक्षा जांच अब दिन में पहले से अधिक बार की जा रही है।जम्मू के प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर, जो भगवान राम को समर्पित है को 9 मई से बंद रखा गया है। मंदिर परिसर में कुल सात मंदिर हैं और सुरक्षा की दृष्टि से अभी तक इसके दोबारा खुलने को लेकर कोई आधिकारिक आदेश नहीं आया है। मंदिर के बाहर तैनात आईटीबीपी और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों की संख्या लगभग दोगुनी कर दी गई है। पहले जहां 24 घंटे में दो बार चेकिंग होती थी अब यह संख्या चार से पांच बार तक पहुंच गई है। वहीं रणवीरेश्वर मंदिर की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू की जामिया मस्जिद समेत कई धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं। जम्मू के एसएसपी जोगिंदर सिंह ने बताया कि सभी धर्मों के प्रमुख पूजा स्थलों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।