जालंधर

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑफ रिसर्च एंड इनोवेशन के अधीन सीटी इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटैक्चर एंड प्लानिंग ने एसोचैम जेम ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल नई दिल्ली के सहयोग से कॉन्क्लेव का आयोजन करवाया, जिसमें वास्तुकला पर्यावरण रणनीतियों थींम पर विचार -विमर्श किया गया।

कॉन्क्लेव के वक्ता एवं सीटीआईएपी की हैड और आईआईए जालंधर चैप्टर की वाइस चेयरमैन ए.आर श्रुति एच कपूर ने जैसलमेर और पंजाब के उदाहरणों के माध्यम से स्थानीय वास्तुकला की भूमिका के बारे में बातचीत की। एसोचैम जेम पंजाब चैप्टर के अध्यक्ष एवं साकर फाउंडेशन में आर्किटैक्चर के प्रिंसिपल एआर सुरिंदर बाघा, एसोचैम जेम ग्रीन बिल्डिंग के चेयरमैन और एसोसिएट्स पंकज धारकर ने विभिन्न वास्तुकला पर्यावरण रणनीतियों पर चर्चा की। इसके अलावा को-चयरमैन एवं पूर्व संयुक्त निदेशक डॉ.बलकार सिंह ने विभिन्न वास्तुशिल्प पर्यावरण रणनीतियों पर चर्चा की और यह भी बताया कि कैसे कोविड-19 महामारी ने आसपास के वातावरण में मनुष्यों द्वारा किए गए नुकसान के बारे में बताया गया।

प्रमुख एसोचैम के वरिष्ठ निदेशक नीरज अरोड़ा ने जेम ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल सर्टिफिकेशन प्रोग्राम ग्रीन बिल्डिंग कैसे एक स्थायी भविष्य की ओर ले जाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपायों में से एक है। एसोचैम जेम इवेंट्स और एक्सपो कमेटी के सह-अध्यक्ष मनी खन्ना ने कहा कि इमारत को अधिक टिकाऊ बनाने के लिए विभिन्न रणनीतियों के साथ ईसीबीसी और ग्रीन बिल्डिंग के बारे में बातचीत की।

सीटी इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्टर एंड प्लानिंग की हैड ए.आर श्रुति एच कपूर ने कहा कि इस बातचीत से छात्रों का व्यापक विकास हुआ है और उन्हें विभिन्न वास्तु पर्यावरणीय रणनीतियों और क्षेत्र के काम में उनके निहितार्थ को समझने में मदद मिलेगी। उनका मानना है कि वेबिनार में व्यक्तियों को ग्रीन बिल्डिंग और एक स्थायी आवास बनाने के उपायों के बारे में अधिक समझ हासिल करने में मददगार होगा।

सीटी ग्रुप के मैनेजिंग डायरैक्टर मनबीर सिंह ने कॉन्क्लेव की सफलता के लिए सीटी इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटैक्चर एंड प्लानिंग को बधाई देते हुए कहा कि यह छात्रों के लिए बेहद लाभकारी साबित होगा।

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।