जालंधर : सीटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स द्वारा सीटी वल्र्ड स्कूल में ओपन माइक कार्यक्रम का आयोजन शनिवार को करवाया। आमतौर पर ओपन माइक में लोग अपनी कला जैसे पेटिंग, गाना, कॉमेडी या फिर कविताएं सुनाते हैं। मगर इस कार्यक्रम में बिजनेसमैन, मोटिवेशनल स्पीकर, सोशल एक्टविस्ट, कवियों ने अपनी जिंदगी के संघर्षभरे दिनों के बारे में खुलकर बात की। इस दौरान सीटी ग्रुप की को- चेयपपर्सन परमिंदर कौर चन्नी, हैप्पीनेस एंड वैल बीइंग विभगा की हैड अमृत क्लसी , सीटी वल्र्ड स्कूल की प्रिंसिपल मधू शर्मा, कल्चरल ऑफिसर दविंद्र सिंह और सीटी वल्र्ड स्कूल का स्टाफ मौजूद था।
ओपन माइक कार्यक्रम में एलजीबिटीक्यू के प्रतिनिधि एंव शान फाउडेशन के दीपक राणा, समाज सेविका अंजलि दादा, पॉजिटिव स्पीकर प्रदीप कुमार, रेडियो सीटी की प्रोग्रामिंग डायरैक्टर सीमा सोनी, लोक कला रतन पुरस्कार अवॉर्ड विजेता नीतिराज बी सिंह, कथक डांसर एंव युवा थिएटर के मनप्रीत सिंह, मॉडल एंव कवि परमिंदर संधु, बिजनेसमैन सुप्रीत सिंह और आगाज़ एनजीओ की निधि कोहली ने अपने जीवन के हर पहलुओं के बारे में बताया। स्टेज का कार्यभार विक्रांत रेहानी ने किया।
कार्यक्रम की शुरूआत कथक डांसर एंव युवा थिऐटर के मनप्रीत सिंह ने की। उन्होंने कहा कि अक्सर लोग किसी के रंग रूप या फिर उसकी शक्ल को देखकर उसकी प्रर्सनैलिटी का अंदाजा लगा लेते हैं लेकिन ऐसा करना गलत है, किसी के अंदर छिपी कला को पहचानों ना कि उसके बोलने या चलने का तरीका।
आगाज़ एनजीओ की फाउंडर निधि कोहली ने कहा कि लड़कियां घर की लक्ष्मी होती है लेकिन आज भी कुछ लोग बच्चियों के जन्म लेने पर खुशी की जगह अफसोस मनाते है। मैं खुद भी तीन लड़कियों की मां हूं। जब मेरी तीसरी बच्ची हुई तो लोग बधाईयों की जगह पर अफसोस मनाने आए। तब मैंने आगाज़ एनजीओ को बनाने के बारे में सोचा ताकि लड़कियों को उनके पैरों पर खड़ी कर सकूं।
एलजीबिटीक्यू के प्रतिनिधि एंव शान फाउडेशन के दीपक राणा ने कहा कि वह बचपन से दूसरे लड़कों से थोड़ा अलग था। अलग होने के वजह से लोगों ने ताने मारने शुरू कर दिए। लोगों के तानों ने मेरा स्कूल जाना बंद करवा दिया लेकिन मेरी हि मत नहीं तोड़ पाए। अपनी हि मत और मजबूत इरादों की वजह से मैं आज अपने जैसे और ट्रांसजेंडर लोगों के लिए काम कर रहा हूं। मैं 6000 ट्रांसजेंडर लोगों की मां हूं। हम सब लोग मिलकर समाज की भलाई के लिए काम करते हैं।
सीटी ग्रुप की को चेयपपर्सन परमिंदर कौर चन्नी ने कहा कि जिंदगी में आई कठिनाइयां ही इंसान के अंदर छिपी हुई ताकत का अहसास करवाती है। जो इंसान जीवन में आने वाली मुसीबतों का हल ढूंढने की तरफ ध्यान देता है वही सफलता पाता है। जैसे ओपन माइक में उपस्थित सभी वक्ताओं ने अपनी लाइफ में किया। अगर वह चाहते तो थोड़ी सी परेशानी आने पर अपने हक के लिए लडऩा छोड़ देते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। अपने हौसले और मजबूत इरादों की वजह से आज वह दूसरे लोगों को जीवन में आगे बढऩे का संदेश दे रहे हैं।