सीटी यूनिवर्सिटी ने हाल ही में “ड्रग डिस्कवरी: प्रकृति से नवीन दवाओं तक” विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया, जो फार्मास्यूटिकल साइंसेज़ के क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने की इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। देशभर से 150 से अधिक पंजीकरणों के साथ, यह संगोष्ठी विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों को एक मंच पर लेकर आई, जहां उन्होंने ड्रग डिस्कवरी और डेवलपमेंट के नवीनतम पहलुओं पर विचार साझा किए।

संगोष्ठी के दौरान मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियों की प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें फार्माकोलॉजी, फार्मास्यूटिक्स, फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री और फार्माकोग्नोसी जैसे विषयों को कवर किया गया। प्रस्तुतियों का मूल्यांकन डॉ. पुनीत उत्रेजा के नेतृत्व में जजों के एक प्रतिष्ठित पैनल द्वारा किया गया, जिन्होंने प्रतिभागियों को मार्गदर्शन और महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

इस आयोजन में पांच विशेषज्ञ कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं, जिनमें ज़ेब्राफ़िश मॉडल इन फार्माकोलॉजिकल रिसर्च, डॉकिंग मेथड्स और सिमुलेशन इन ड्रग डिस्कवरी, ड्रोसोफिला मॉडल इन फार्माकोलॉजिकल रिसर्च और HPLC इंस्ट्रूमेंटेशन जैसे विषयों को शामिल किया गया। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य प्रतिभागियों को आधुनिक शोध विधियों से अवगत कराना और उनके ज्ञान को प्रायोगिक रूप से समृद्ध करना था।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. गुरसागर सिंह सहोता, चीफ़ लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन, डीएमसीएच, लुधियाना उपस्थित रहे। उन्होंने नवाचारपूर्ण शोध के महत्व पर बल देते हुए कहा कि फार्मास्यूटिकल साइंस का सीधा संबंध मरीजों के बेहतर इलाज से है। कार्यक्रम में जन औषधि केंद्र, पंजाब एवं चंडीगढ़ के असिस्टेंट मैनेजर और नोडल ऑफिसर अराफात अली विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

डॉ. रोहित भाटिया, एसोसिएट प्रोफेसर (फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री) और डॉ. अभिनव आनंद, एचओडी एवं एसोसिएट प्रोफेसर (सीटी ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स, शाहपुर) जैसे विशेषज्ञ वक्ताओं ने भी अपने विचार साझा किए।

संगोष्ठी के सफल आयोजन में सीटी यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति सरदार चरंजीत सिंह चन्नी और कुलपति डॉ. अभिषेक त्रिपाठी का विशेष सहयोग रहा। सरदार चरंजीत सिंह चन्नी ने विश्वविद्यालय की शोध और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता पर गर्व व्यक्त किया, जबकि डॉ. त्रिपाठी ने वैज्ञानिक प्रगति के लिए अंतर्विषयक सहयोग के महत्व को रेखांकित किया।

डीन अकादमिक्स डॉ. सिमरनजीत कौर गिल, निदेशक छात्र कल्याण इंजीनियर दविंदर सिंह, और स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज के प्रिंसिपल डॉ. वीर विक्रम ने आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाई।

मुख्य अतिथि डॉ. गुरसागर सिंह सहोता ने कहा, “भविष्य की स्वास्थ्य सेवाएं नवाचार और सहयोग पर आधारित होंगी। मैं सीटी यूनिवर्सिटी को इस प्रकार की संगोष्ठी आयोजित करने और युवा शोधकर्ताओं में अनुसंधान की भावना जागृत करने के लिए बधाई देता हूं।”

कुलाधिपति सरदार चरंजीत सिंह चन्नी ने कहा, “ऐसे आयोजन युवाओं को विशेषज्ञों से सीखने और अपने शोध कार्य को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करते हैं। मैं सभी प्रतिभागियों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”

यह संगोष्ठी सफलता और प्रेरणा के साथ संपन्न हुई, जो भारत में ड्रग डिस्कवरी और डेवलपमेंट के क्षेत्र में नवाचार की नई दिशा की ओर अग्रसर है। सीटी यूनिवर्सिटी का फार्मास्युटिकल साइंसेज में शोध और नवाचार के लिए किया गया प्रयास अगली पीढ़ी के वैज्ञानिकों को प्रेरित करता रहेगा।

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