
सीनेट: उरुग्वे की सीनेट ने इच्छामृत्यु को अपराधमुक्त करने वाला कानून पारित कर दिया है जिससे यह दक्षिण अमेरिकी देश उन कुछ अन्य देशों में शामिल हो गया है जहां गंभीर रूप से बीमार मरीज अपना जीवन समाप्त करने के लिए कानूनी रूप से सहायता प्राप्त कर सकते हैं। बुधवार को उठाए गए इस कदम से उरुग्वे कैथोलिक बहुल लैटिन अमेरिका में कानून के तहत इच्छामृत्यु की अनुमति देने वाला पहला देश बन गया है। उरुग्वे में सत्तारूढ़ वामपंथी गठबंधन की सीनेटर पेट्रीसिया क्रेमर ने देश की राजधानी मोंटेवीडियो में सांसदों से कहाजनमत हमें इस पर विचार करने के लिए कह रहा है। पिछले पांच साल से रुक-रुक कर आगे बढ़ते रहे इस कानून ने बुधवार को उस समय आखिरी बाधा पार कर ली जब संसद के उच्च सदन में 31 में से 20 सीनेटर ने इसके पक्ष में मतदान किया। निचले सदन ने अगस्त में इस विधेयक को भारी बहुमत से मंजूरी दे दी थी।चर्चा के दौरान सत्तारूढ़ ‘ब्रॉड फ्रंट’ गठबंधन के सांसदों ने इच्छामृत्यु के अधिकार का जोरदार बचाव किया और इसके लिए चलाए गए अभियान की तुलना तलाक एवं समलैंगिक विवाह की वैधता से की। अमेरिकी राज्यों, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में इच्छामृत्यु के लिए आवेदन करने का अधिकार केवल उन लोगों को दिया जाता है जिनके जीने की संभावना छह महीने या एक साल से अधिक नहीं है, लेकिन उरुग्वे में ऐसा नहीं है। असहनीय पीड़ा झेल रहे किसी भी लाइलाज बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को इसके लिए आवेदन करने का अधिकार होगा। उरुग्वे में इच्छामृत्यु चाहने वालों के लिए मानसिक रूप से सक्षम होना आवश्यक है। बेल्जियम, कोलंबिया और नीदरलैंड के विपरीत उरुग्वे में नाबालिगों के लिए इच्छामृत्यु की अनुमति नहीं है।