जालंधर : शहर में लगातार बढ़ रही सीवरेज जाम की समस्या निगम अधिकारियों और राजनेताओं के कंट्रोल से बाहर हो गई थी। मेयर वनीत धीर को अपना पदभार संभाले करीब 5 महीने का समय हो चुका है और वह लगभग हर रोज दफ्तर जाकर पूरी हाजिरी दे रहे हैं। मेयर ऑफिस में उनका ज्यादातर समय पार्षदों और आम लोगों की सीवरेज जाम संबंधी शिकायतों को सुनने और हल करने में ही बीत जाता है। नगर निगम का ओ. एंड एम. सेल सीवर लाइनों की सफाई और सुपर सक्शन आदि पर हर महीने करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है परंतु इसके बावजूद सीवर संबंधी समस्याएं लगातार बढ़ रही थीं, जिस कारण मेयर और अन्य नेताओं को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था।आज मेयर वनीत धीर और सीनियर डिप्टी मेयर बलबीर सिंह बिट्टू ने अचानक जैतेवाली सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा किया। इस दौरान मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर उस समय हैरान रह गए जब जैतेवाली ट्रीटमैंट प्लांट बिल्कुल बंद मिला। जबकि दूसरी ओर रामा मंडी की कई कॉलोनियों, विशेषकर दकोहा, भुल्लर कालोनी आदि में लोग सीवरेज जाम से परेशान थे और कई मोहल्ले, कॉलोनियां, गलियां गंदे पानी में डूबी हुई थीं।मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर ने सबसे पहले वह स्थान देखा जहां से सीवरेज का गंदा पानी जैतेवाली प्लांट में प्रवेश करता है। वहां सीवरेज के गंदे पानी से गार आदि अलग करने हेतु एक मोटर लगी हुई है, जो पिछले 1 साल से खराब पड़ी थी। वहां इतनी गार जम चुकी थी कि सीवरेज का पानी जैतेवाली प्लांट के अंदर जा ही नहीं रहा था। जब दोनों ने प्लांट के अंदर जाकर देखा तो सभी कंप्यूटर, मशीनरी, मोटरें आदि बंद पड़ी थीं। ठेकेदार कंपनी के कुछ आदमी वहां मौजूद थे, परंतु कुछ भी नहीं कर रहे थे। जब उनसे प्लांट चलाने को कहा गया तो सिर्फ एक मोटर ही चल पाई।

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