जालंधर : भारतीय संस्तृति में माता-पिता के बाद गुरु और फिर देवता को स्थान दिया गया है. कहा भी गया है
माता-पिता, गुरु, देवता गुरु जीवन का पथ प्रदर्शक हैं, इसलिए पुराणों में उनको ब्रह्मा, विष्णु और महेश के तुल्य
माना गया है.इसी दिन को सेंट सोल्जर ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूशन्स के छात्रों द्वारा अपने अध्यापकों को नतमस्तक हो कर
मनाया गया। प्रिंसिपल सुधांशु गुप्ता के दिशा निर्देशों पर छात्रों परमवीर , लविश ,अर्णव ,जैस्मिन ,विवेक ,ऋचा ,
जशनप्रीत ,ईशान ,वैष्णवी ,लावण्या ,कार्तिक ,दक्ष ,चेरी ,हरसिरत ,इनैरा आदि ने पृथ्वी पर गुरु शब्द को लिखते हुए
नतमस्तक हो कर उनका हर टाइम गाइड करने के लिए आभार प्रकट किया। छात्रों ने उन्हें हर समय रहनुमाई करने ,
अच्छे बुरे का फरक समझाने , नैतिक मूल्यों से जोड़ कर रखने के लिए ध्यावाद दिया। वाईस चेयरपर्सन श्रीमती
संगीता चोपड़ा ने बताया के गुरु पूर्णिमा महर्षि वेद व्यास जी को ही समर्पित है. महर्षि वेद व्यास जी का जन्म आषाढ़
मास के पूर्णिमा को हुआ था. उनको समस्त मानव जाति का प्रथम गुरु माना जाता है. उन्होंने महाभारत की रचना की
थी.श्रीमती चोपड़ा ने छात्रों को अपना आशीर्वाद दिया।

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