जालंधर, 18 अक्टूबर :- सेंट सोल्जर ग्रुप ऑफ़ इंस्टीच्यूशन्स द्वारा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास
पंजाब के सहयोग से राज्य स्तरीय नई नेशनल शिक्षा नीति को किस प्रकार लागू किया जा
सकता हैं विषय पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसमें राज्यभर के विभिन्न कॉलेजों और
स्कूलों के अध्यापकों को वर्चुअल रूप से नई शिक्षा नीति को किसी प्रकार संस्थाओं में लागू
किया जा सकता है, इसके बारे में चर्चा की गई। इस वर्कशॉप में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के
उत्तर भारत के संयोजक जगराम भाई, सेंट सोल्जर से मैनेजिंग डायरेक्टर प्रो.मनहर अरोड़ा, सेंट
सोल्जर पॉलिटेक्निक के डायरेक्टर डॉ.किरपाल सिंह भुल्लर, डॉ.आर.के गर्ग डायरेक्टर एनआईटी
जालंधर, डॉ.एस.के मिश्रा रजिस्ट्रार एनआईटी जालंधर, डॉ.अनीश सहदेव एनआईटी, ग्लोबल ग्रुप
ऑफ़ इंस्टीच्यूशन्स के चेयरमैन डॉ.मोहित महाजन, डॉ.दिनेश, डॉ.अनुपंदीप, आदि मुख्य वक्ता रहे।
जगराम भाई ने कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली हमारे युवाओं को शिक्षित करने के पश्चिमी
साधनों और तरीकों का अनुसरण कर रही है और नई शिक्षा नीति के आने से उसमें बदलाव
आएगा हम अपने देश की समृद्ध संस्कृति, मूल्यों और शिक्षण विधियों से दुबारा से जुड़ पाएंगे
लेकिन अगर हम अपनी युवा पीढ़ी को ग्लोबल शिक्षा के साथ जोड़ना चाहते हैं तो उनकी
प्राइमरी एजुकेशन से सही गाइडेंस और बेहतर शिक्षा बहुत जरूरी है। प्रो.अरोड़ा ने कहा कि अगर
पूरी प्लानिंग के तहत नई शिक्षा नीति को लाया जाये तो आसानी से संस्थाओं में लागू किया जा
सकता है। सेंट सोल्जर ग्रुप के चेयरमैन अनिल चोपड़ा ने प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि
इस नीति को लागू से छात्रों को अपने स्किल्स और खामियों का पता चलेगा तथा छात्र अपने
इंटरेस्ट के हिसाब से अपनी पढाई में जा सकते हैं लेकिन इस नीति में अभिभावकों और
अध्यापकों को छात्रों को इस प्रकार गाइड करना होगा की वह अपने ऊपर किसी भी प्रकार का
दबाव न महसूस करें।
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