13 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में होने वाले राष्ट्रीय धरने में शिक्षकों की भागीदारी की व्यवस्था को अंतिम रूप देने के लिए आज जिला परिषद की बैठक हुई। पीसीसीटीयू के महासचिव डॉ. गुरदास सिंह सेखों ने बताया कि पंजाब के 136 एडेड कॉलेजों के हजारों शिक्षक 13 सितंबर को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे और नई दिल्ली के जंटर मंटर में आयोजित धरने में भाग लेंगे। डॉ. सेखों ने बताया कि केंद्र सरकार हमारी उचित और वास्तविक मांगों को नहीं सुन रही है और उन्होंने कहा कि यह विरोध हमारी संगठनात्मक ताकत के लिए एक एसिड टेस्ट है जो केंद्र सरकार की अलोकतांत्रिक और प्रतिगामी मानसिकता को लोकतांत्रिक के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर करेगा। डॉ. सेखों ने राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों की प्रमुख मांगें इस प्रकार बताईं, जिन पर केंद्र सरकार को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है:-
जनविरोधी नई शिक्षा नीति-2020 को वापस लें, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करें, सभी सामान्य राष्ट्रीय प्रवेश को वापस लें, सकल घरेलू उत्पाद का 10 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करें, तदर्थ/अंशकालिक कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करें, सभी रिक्त शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों को प्राथमिक से विश्वविद्यालय तक स्थायी आधार पर भरें, अल्पसंख्यकों और एससी/एसटी/ओबीसी छात्रों के लिए सभी छात्रवृत्ति बहाल करें, स्कूलों और कॉलेजों को बंद न करें और विलय न करें, शिक्षा के धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और वैज्ञानिक चरित्र की रक्षा करें, सहायता संस्थानों में अनुदान का नियमित और पूर्ण भुगतान करें। , गैर सहायता प्राप्त संस्थानों को सहायता अनुदान के अंतर्गत लाया जाए, राष्ट्र की बहु-सांस्कृतिक, बहु-धार्मिक, बहुभाषी पहचान को बनाए रखा जाए, शैक्षणिक स्वायत्तता सुनिश्चित की जाए, विश्वविद्यालयों में लोकतांत्रिक शासन, नियमित छात्र संघ चुनाव और सभी शैक्षणिक निकायों में छात्रों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए। ऑनलाइन एडमिशन और पढ़ाई नहीं होनी चाहिए, डिजिटल और वर्चुअल विश्वविद्यालयों को बंद किया जाना चाहिए, देश के संघीय ढांचे और लोकतंत्र की रक्षा की जानी चाहिए और सभी शिक्षक संगठनों के लिए सलाहकारी स्थिति बनाए रखी जानी चाहिए।
जिलाध्यक्ष डॉ. बीबी यादव ने बताया कि केंद्र सरकार के खिलाफ यह ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन होगा। अगर सरकार हमारी मांगे नहीं सुनेगी तो आने वाले संसदीय चुनाव 2024 में शिक्षक अपनी भूमिका के बारे में सोचेंगे। वहां डॉ. मलकियत सिंह, डॉ. मुनीश गुप्ता, डॉ. विकास भारद्वाज मौजूद रहे।

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