नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 150 पैसेंजर ट्रेनों को प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी पूरी कर ली है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय की सार्वजनिक निजी भागीदारी मूल्यांकन समिति ने इस प्रोजेक्ट के सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. इस प्लान के तहत ये 150 ट्रेनें 100 रूटों पर चलाई जाएंगी. रेल मंत्रालय इस प्लान को कार्यान्वित करने के लिए काम कर रहा है. प्रोजेक्ट को आगे ले जाने के लिए अभी नीलामी प्रक्रिया होनी है. बता दें, भारत सबसे पहली प्राइवेट ट्रेन ‘तेजस एक्सप्रेस’ जिसे हालही में हरी झंडी दिखाई गई थी. निजी कंपनी के जरिए संचालित होने वाली तेजस एक्सप्रेस पहली ट्रेन है.
तेजस ट्रेन के बाद रेल मंत्रालय 150 ट्रेन और 50 स्टेशनों को प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहा था. रेल मंत्री और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत के बीच बातचीत के बाद रेल मंत्रालय ने यह फैसला किया गया था. रेल मंत्री से बैठक के बाद नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव पत्र लिखा था, जिसके मुताबिक यह तय हुआ है कि पहले चरण में 150 ट्रेनों के परिचालन का काम प्राइवेट ऑपरेटरों को दिया जाएगा.
पत्र में नीति आयोग के सीईओ ने लिखा है, ‘जैसा आपको जानकारी है कि रेलवे को 400 रेलवे स्टेशनों को चुनकर उन्हें वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाना था. लेकिन यह प्रतिबद्धता कई सालों से जताई जा रही थी. इसके बाद भी वास्तव में ऐसा नहीं हो पाया, सिर्फ गिने चुने मामलों को छोड़कर, जहां पर ईपीसी मोड के जरिए काम हुआ था.’
बता दें, ‘तेजस एक्सप्रेस’ देश की पहली प्राइवेट ट्रेन है. प्राइवेट ट्रेन ‘तेजस एक्सप्रेस’ से यात्रा करने वाले यात्रियों को यदि ट्रेन नियत समय पर नहीं पहुंचाती है तो इसके बदले यात्रियों को मुआवजा दिया जाएगा. दिल्ली-लखनऊ के बीच चलने वाली इस प्राइवेट ट्रेन ‘तेजस एक्सप्रेस’ (Tejas Express) को लेकर आईआरसीटीसी (IRCTC) पहले ही घोषणा कर चुकी है. रेलवे की सहायक कंपनी के अनुसार, अगर यह ट्रेन अपने नियत समय से लेट होती है, तो यात्रियों को मुआवजा दिया जाएगा. इस नियम के अनुसार अगर ट्रेन एक घंटे से अधिक लेट होती है, तो यात्री को 100 रुपये और दो घंटे से ज्यादा लेट होती है, तो 250 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. इतना ही नहीं ट्रेन के यात्रियों को 25 लाख रुपये का बीमा भी दिया जाएगा. इसके अलावा अगर यात्रा के दौरान लूटपाट या सामान चोरी होता है, तो एक लाख रुपये तक मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे.