big steps towards making india a developed nation by 2047

मुंबई:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की घोषणा के बाद, नीति आयोग ने इस महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव और उपाय पेश किए हैं। भारत की आजादी की 100वीं वर्षगांठ तक एक उच्च आय वाले देश के रूप में उभरने का यह संकल्प अब नीति आयोग और सरकार के एजेंडे में शीर्ष पर है। हालांकि, यह चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि पिछले 70 वर्षों में केवल 12 देश ही मध्यम आय से उच्च आय वाले देशों की श्रेणी में पहुंच पाए हैं।

नीति आयोग की हालिया बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि भारत को मध्यम आय के जाल से बाहर निकलकर उच्च आय वाले देशों की सूची में शामिल होना होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर बल दिया है कि 2024 में भारत को वैश्विक तकनीकी और भू-राजनीतिक बदलाव का पूरा लाभ उठाना चाहिए। इसके लिए, ऐसा नीतिगत ढांचा तैयार करने की आवश्यकता है जो विदेशी निवेश को आकर्षित कर सके। इसके साथ ही, भारत की प्रति व्यक्ति आय को 15 लाख रुपये प्रति वर्ष तक पहुंचाने की योजना बनाई जा रही है।

इसके अतिरिक्त, 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में भी कई कदम उठाए जाएंगे।इस बार के केंद्रीय बजट में खासतौर पर महिलाओं के लिए कई महत्वपूर्ण ऐलान किए गए हैं। कई अध्ययन रिपोर्ट्स ने यह साबित किया है कि अगर कामकाजी महिलाओं की संख्या में वृद्धि होती है, तो यह भारत की विकास दर में 1.5 प्रतिशत तक सुधार ला सकती है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, बजट में महिलाओं के लिए विशेष योजनाओं और सुविधाओं की घोषणा की गई है। यह कदम न केवल महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए है, बल्कि यह विकसित राष्ट्र की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हो सकता है।

हालांकि, किसानों के लिए बजट में अपेक्षित घोषणाओं की कमी को लेकर निराशा जताई जा रही है। इस बार के बजट में किसानों के लिए अपेक्षित सुधार और समर्थन की कमी ने विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए और ज्यादा प्रभावशाली उपायों की जरूरत है, ताकि कृषि क्षेत्र में सुधार किया जा सके और एक समृद्ध राष्ट्र का सपना साकार हो सके।

आने वाले वर्षों में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सरकार को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसमें न केवल आर्थिक सुधार शामिल हैं, बल्कि सामाजिक और नीतिगत सुधारों की भी आवश्यकता होगी। इसके लिए जरूरी है कि सरकार हर क्षेत्र में संतुलित विकास सुनिश्चित करे और सुनिश्चित करे कि सभी वर्गों को समान अवसर मिलें। सरकार की यह जिम्मेदारी होगी कि वह न केवल उच्च आर्थिक लक्ष्य हासिल करे, बल्कि एक समावेशी और समान समाज की दिशा में भी काम करे।

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