
16 अक्तूबर:
पंजाब के स्वतंत्रता सेनानी, बागवानी और रक्षा सेवाएं कल्याण मंत्री मोहिंदर भगत ने आज साईंदास स्कूल, जालंधर में 69वीं पंजाब स्कूल खेलों के शतरंज और कुराश के राज्य स्तरीय मुकाबलों का उद्घाटन किया। जालंधर में शतरंज अंडर-14 (लड़के/लड़कियां) और कुराश अंडर-14, 17, 19 (लड़के) के मुकाबले आयोजित किए जा रहे है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री ने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें खेल भावना के साथ खेलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जहां आत्मरक्षा की खेल कुराश के लिए शारीरिक मजबूती जरूरी है, वहीं शतरंज में मानसिक रूप से विकसित होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा राज्य में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने और अधिक से अधिक युवाओं को खेलों से जोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए गए है। उन्होंने बताया कि राज्य के खिलाड़ियों को खेलों के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा 3000 खेल मैदान बनाए जा रहे है।
श्री भगत ने विद्यार्थियों को खेलों के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन कर राज्य और देश का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि पंजाब सरकार द्वारा युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए पूरे राज्य में ‘खेडां वतन पंजाब दीयां’ भी आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य और देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों के साथ-साथ पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया जा रहा है।
खेल और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाकर राज्य को ‘रंगला पंजाब’ बनाने के लिए पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कैबिनेट मंत्री मोहिंदर भगत ने कहा कि युवाओं को खेलों से जोड़कर उनके सर्वांगीण विकास में कोई कमी बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि 69वीं पंजाब स्कूल खेलों के राज्य स्तरीय शतरंज और कुराश के मुकाबले जालंधर में हो रहे है। उन्होंने बताया कि राज्य के 23 जिलों के खिलाड़ी शतरंज और कुराश के टूर्नामेंट में भाग ले रहे है और इन खिलाड़ियों को जिले में रहने-खाने की हर तरह की सुविधा प्रदान की जा रही है।
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी (स) नेशनल अवार्डी डा. गुरिंदरजीत कौर, उप जिला शिक्षा अधिकारी (स) स्टेट अवार्डी राजीव जोशी, जिला स्पोर्टस को-आर्डीनेटर अमनदीप कौंडल, प्रिंसीपल हरमेश लाल घेड़ा, प्रिंसीपल सुखदेव लाल बब्बर, सुरिंदर कुमार और बलजीत सिंह ढिल्लों द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया।