धर्मशाला : तिब्बत समुदाय के मुख्य मंदिर त्सुगलगखांग में बुधवार को महामहिम 87 वर्षीय दलाईलामा ने कहा कि वह अभी भी 10 से 20 साल और जी सकते हैं। बुधवार को उनकी दीर्घायु के लिए तिब्बत के 5 संगठनों ने विशेष पूजा रखी थी। 6 जुलाई 1935 को जन्मे दलाईलामा को 5 संगठनों के प्रतिनिधियों ने पारम्परिक चेमा चांगपू भेंट किया। प्रार्थना सभा को संबोधित करते हुए दलाईलामा ने वहां उपस्थित अनुयायियों से कहा कि जब तक अंतरिक्ष कायम है और जब तक सत्वगुण रहते हैं, तब तक वह भी रहें ताकि दुनिया के दुखों को दूर करने में वह मदद कर सकें।दलाईलामा ने कहा कि वह दलाईलामाओं के वंश से ताल्लुक रखते हैं और हिमालय क्षेत्र के लोगों से उनका गहरा संबंध है। उन्होंने हाल ही में उनकी लद्दाख यात्रा के बारे में भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उन्हें आशा है कि वह जल्द ही मोन तवांग की फिर से यात्रा करेंगे। वह केवल इस जीवन में धर्म और सत्वों की सेवा करने में सक्षम हुए हैं तथा वह लंबे समय तक जीने का दृढ़ संकल्प करते हैं।दलाईलामा ने कहा कि उन्हें लगता है कि वह 10 से 20 साल और जी सकते हैं।

 

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