विश्व पुस्तक दिवस पर सीटी यूनिवर्सिटी के छात्र कल्याण विभाग ने पुस्तक दान अभियान की मेजबानी की। विभिन्न विषयों के छात्र और शिक्षक ज्ञान साझा करने के प्रति अपने समर्पण को प्रदर्शित करते हुए, इस नेक काम में योगदान देने के लिए एकजुट हुए। कुछ किताबें यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरी में रहेंगी, जबकि अन्य जरूरतमंद छात्रों को दी जाएंगी जो किताबें खरीदने में सक्षम नहीं हैं। यह पहल न केवल छात्रों में पढ़ने की संस्कृति पैदा करती है बल्कि शैक्षिक संसाधनों को साझा करने के महत्व को भी रेखांकित करती है।

प्रो वाइस चांसलर डॉ. अभिषेक त्रिपाठी, डीन एकेडमिक्स डॉ. सिमरन और छात्र कल्याण विभाग के डयरेक्टर दविंदर सिंह ने व्यापक शिक्षा और सामुदायिक भागीदारी के लिए सीटी यूनिवर्सिटी की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए इस पहल का नेतृत्व किया।

डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने किताबों की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर देते हुए कहा कि किताबों में जीवन को बदलने और भविष्य को आकार देने की शक्ति है। इस अभियान में भाग लेकर, छात्रों और स्टाफ ने सीखने और ज्ञान साझा करने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अपने समर्पण का प्रदर्शन किया है।

इसके इलावा डॉ. सिमरन ने इस भावना को दोहराते हुए कहा कि पढ़ने से न केवल अकादमिक उत्कृष्टता बढ़ती है बल्कि रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और सहानुभूति का भी पोषण होता है। हम इस पहल में  उत्साही भागीदारी के लिए छात्रों और स्टाफ की सराहना की।

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