
एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर के ‘इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल’ द्वारा ‘शिफ्टिंग पैराडाइम्स इन एजुकेशन सिस्टम’ विषय पर फैकेल्टी डैवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने फैकेल्टी डैवलपमेंट प्रोग्राम के विषय की सार्थकता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा जिस तरह से उच्च शिक्षण संस्थानों को नई एजुकेशन पॉलिसी को समाहित करते हुए शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं उसकी सार्थकता एवं स्पष्टता से सभी शिक्षकों को अवगत कराना जरूरी ही नहीं बल्कि समय की मांग है। इस फैकल्टी डैवलपमेंट प्रोग्राम में स्रोत वक्ता के रूप में अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष डॉ सुनीत कौर ने ‘शिफ्टिंग पैराडाइम्स इन एजुकेशन सिस्टम’पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जहां एक तरफ नैशनल एजुकेशन पॉलिसी ने विद्यार्थियों के बहुआयामी विकास के लिए नए रास्ते खोल दिए हैं वहां दूसरी तरफ शिक्षण संस्थानों के लिए इसके अनुसार चलना अपने आप में एक बहुत बड़ी चुनौती है। निपुण शिक्षाविदो की दूरदर्शिता को समाहित किए हुए इस नैशनल एजुकेशन पॉलिसी ने शोध को उन्नत करने के नए आयाम स्थापित किए हैं और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए इस पॉलिसी में कई बदलाव किए गए हैं अब शिक्षा केवल लेक्चर रूम तक ही सीमित न रहकर ग्रुप टीचिंग, सेल्फ स्टडी, गेम बेस्ड लर्निंग,टेक्नोलॉजी बेस्ड लर्निंग को भी अधिमानता दी जाएगी। डॉ सुनीत कौर ने बताया कि अब इंडस्ट्री और अकादमी को आपस में जोड़ना समय की मांग है और साथ ही साथ विद्यार्थियों को समाज सुधार से संबंधित गतिविधियों से भी जोड़ना होगा, जैसे लिंगानुपात पर ध्यान देना गांव की स्वच्छता एवं गांव के लोगों को शिक्षित करने के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना इस नैशनल शिक्षा नीति के सिद्धांतों में समाहित है। डॉ सुनीत कौर ने टीचर्स द्वारा पूछी गई सभी जिज्ञासाओं का तर्कसंगत उत्तर देकर उन्हें संतुष्ट किया।इस फैकेल्टी डैवलपमेंट प्रोग्राम के सफलतापूर्वक आयोजन करने के लिए डॉ ढींगरा ने कम्प्यूटर विभाग की अध्यक्ष डॉ रुपाली सूद के प्रयासों की सराहना की।