भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय, जालंधर के पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ़ फिज़िक्स की युवा इन्नोवेटरस के द्वारा अपने प्राध्यापकों के मार्गदर्शन में तैयार किए गए स्वचालित स्टैग्नेंट वाटर इजेक्टर को मिनिस्ट्री ऑफ़ कलचर, भारत सरकार की ओर से साइंस सिटी, कोलकाता, पश्चिम बंगाल में आयोजित किए गए इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सपो के दूसरे चरण में खूब सराहना मिली. देश भर से अपने इन्नोवेटिव विचारों तथा प्रोजेक्ट्स को प्रस्तुत करने के लिए चयनित किए गए विद्यार्थियों की सूची में कन्या महा विद्यालय की छात्राओं ने बेहद प्रभावशाली ढंग से ऑटोमेटिकली स्टैग्नेंट वॉटर इजेक्टर की कार्य प्रक्रिया को प्रस्तुत किया. अपनी प्रस्तुति में उन्होंने इस सरल प्रोटोटाइप से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में स्थिर जल एवं इससे पैदा होते मच्छरों तथा मलेरिया एवं डेंगू जैसे बुखार को दूर करने के बारे में जानकारी प्रदान की. इसके अलावा उन्होंने पानी का पता लगाने के लिए उपयोग होते सेंसर तथा स्वचालित रूप से पानी को बाहर निकालने के लिए सक्रिय प्रक्रिया पर भी सभी का ध्यान केंद्रित किया. इस प्रोजेक्ट की सादगी एवं प्रभावशीलता ने सभी दर्शकों और निर्णायक मंडल को बेहद प्रभावित किया. विद्यालय प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने इस विशेष उपलब्धि के लिए होनहार छात्राओं एवं उनका मार्गदर्शन करने वाले प्राध्यापक डॉ. नीतू चोपड़ा, अध्यक्षा, फिज़िक्स विभाग के साथ-साथ डॉ. सुरभि के द्वारा किए गए प्रयासों की प्रशंसा की.

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