फगवाड़ा 11 सितंबर (शिव कौड़ा) नामधारी धर्मशाला संत नगर फगवाड़ा में वर्तमान सतगुरु श्री उदय सिंह जी के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से विश्व शांति और सरबत के भले की अरदास के साथ नामधारी संगत द्वारा वार्षिक नाम सिमरन का जप प्रयोग शुरु किया गया। आयोजकों ने बताया कि अश्विन मास में चलने वाले 40 दिनों के इस जप प्रयोग में नामधारी सिंह, महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे अमृत काल में प्रतिदिन सुबह 4 से 6 बजे तक गुरुमंत्र का जाप करते हैं। इस बीच संगत ने श्री भैणी साहिब से लाइव आसा दी वार का भी आनंद लिया। जप प्रयोग के दौरान महिला विद्यक मंडली की महिलाओं ने नामधारी संगत के उपाध्यक्ष संत जसपाल सिंह चाना के नेतृत्व में आसा दी वार का कीर्तन किया। बीबी अमनदीप कौर और बीबी कुलजीत कौर ने अपने साथियों के साथ नामधारी शैली के कीर्तन से संगत को निहाल किया। संत जसपाल सिंह चाना ने बताया कि आसा की वार की यह शैली सतगुरु प्रताप सिंह जी के समय से लोकप्रिय हैं। जो सतगुरु जगजीत सिंह जी के समय में अपने चरम पर थी और अब सतगुरु उदय सिंह जी के मार्गदर्शन में नामधारी सिंहों में भी यह परंपरा जारी है। उन्होंने बताया कि नाम जप की परंपरा भी सतगुरु प्रताप सिंह जी ने शुरू की थी, जिसे एक शताब्दी बाद भी नामधारियों ने उसी उत्साह के साथ जारी रखा है। नामधारियों के इस वार्षिक जप अभ्यास को अस्सू उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान कड़ाह प्रसाद की देग के पश्चात छोले-भटूरे के लंगर की सेवा अटूट बरताई गई।

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