
सीटी यूनिवर्सिटी ने रचनात्मकता और नवाचार के साथ विश्व डिज़ाइन दिवस मनाया
डिज़ाइन और नवाचार विभाग ने पर्यावरण-अनुकूल प्रोजेक्ट्स प्रदर्शित कर डिज़ाइन के भविष्य को रेखांकित किया
सीटी यूनिवर्सिटी के डिज़ाइन और नवाचार विभाग ने हाल ही में विश्व डिज़ाइन दिवस के अवसर पर एक जीवंत और रचनात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस आयोजन में छात्रों, फैकल्टी सदस्यों और डिज़ाइन प्रेमियों ने भाग लिया और डिज़ाइन में स्थिरता और रचनात्मकता को केंद्र में रखते हुए अपने नवोन्मेषी प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया।
विभाग ने स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) थीम के तहत एक प्रभावशाली संग्रह प्रस्तुत किया, जिसमें अखबार, जूट, फैब्रिक वेस्ट, डेनिम वेस्ट और हरे पत्तों जैसी पर्यावरण-अनुकूल सामग्रियों का उपयोग किया गया था।
छात्रों ने विविध और पर्यावरण के प्रति जागरूक रचनाओं का प्रदर्शन किया, जिसमें परिधान, वॉल आर्ट, होम डेकोर पीसेज़ और फ्लोर मैट्स शामिल थे। इन कृतियों ने विभाग की सतत फैशन और रचनात्मकता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाया।
कार्यक्रम में इलस्ट्रेशन, क्रोशिया कला, फैब्रिक मैनिपुलेशन और सरफेस ऑर्नामेंटेशन में छात्रों की विशेषज्ञता भी देखने को मिली। उनकी कलाकृतियाँ, विशेष रूप से वॉल आर्ट पीसेज़ के रूप में, तकनीकी कौशल और कलात्मक दृष्टिकोण का अद्भुत प्रदर्शन थीं। ‘बंजारा कलेक्शन’ कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा, जिसमें पारंपरिक हस्तशिल्प और आधुनिक सौंदर्यबोध का अनूठा संगम देखने को मिला और फैशन डिज़ाइन में सांस्कृतिक फ्यूज़न की एक नई झलक पेश की गई।
कार्यक्रम का मल्टीमीडिया पक्ष भी बेहद आकर्षक रहा। छात्रों ने अपनी फोटोग्राफी प्रतिभा का प्रदर्शन बेस्ट-पिक्चर डिस्प्ले और एक जीवंत फोटो बूथ कॉर्नर के माध्यम से किया। इसके अतिरिक्त, छात्रों के रचनात्मक कार्यों पर आधारित एक मूवी ट्रेलर भी लॉन्च किया गया, जिसमें पर्दे के पीछे की मेहनत, जुनून और समर्पण को उजागर करने वाली बिहाइंड-द-सीन (बीटीएस) झलकियाँ भी दिखाई गईं।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में डिज़ाइन और नवाचार टीम के अथक प्रयासों और विभागाध्यक्ष श्री मोनू शर्मा के मार्गदर्शन का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
सीटी यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर डॉ. मनबीर सिंह ने छात्रों के नवाचारपूर्ण कार्यों और विभाग द्वारा सतत डिज़ाइन प्रथाओं पर दिए जा रहे जोर की सराहना की।
वहीं, कुलपति डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने डिज़ाइन की परिवर्तनकारी शक्ति को रेखांकित करते हुए कहा कि यह एक अधिक टिकाऊ और जागरूक भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।