पंजाब चंडीगढ़ कॉलेज शिक्षकों के संघ की एचएमवी इकाई के नेता और सदस्य आज बड़ी संख्या में दिल्ली के जंतर मंतर पर आयोजित अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संगठन की रैली में शामिल हुए। इस रैली की मुख्य मांगों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को रद्द करना, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग सूचना विधेयक 2024 और 2025 को वापस लेना शामिल है। देश की शिक्षा प्रणाली को निजीकरण और व्यवसायीकरण के रास्ते पर डालने की बजाय सामाजिक उत्तरदायित्व से युक्त बनाया जाए। सभी शिक्षकों की नियमित और स्थायी नियुक्ति की जाए। वर्ष 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना दी जाए और नई पेंशन योजना को रद्द किया जाए। स्वयं वित्तपोषित, अस्थायी और अतिथि शिक्षकों को भी कैरियर उन्नति योजना के अंतर्गत स्थायी नियुक्ति दी जाए। रिक्त पदों को तुरंत भरा जाए और नियमित भर्तियों पर लगी रोक हटाई जाए। साथ ही, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण नीति की पूरी तरह से पालना की जाए। सभी शिक्षकों को समान वेतन मिले, गैर-शिक्षण स्टाफ को भी शैक्षणिक कर्मियों जैसे लाभ दिए जाएं और निदेशक, पुस्तकालयाध्यक्ष तथा शारीरिक शिक्षा अध्यापकों को भी कैरियर उन्नति योजना के अंतर्गत स्थायी सेवा प्रदान की जाए—जैसी कई अन्य मांगें भी इस आंदोलन का हिस्सा हैं।

इस विरोध प्रदर्शन में पंजाब चंडीगढ़ कॉलेज शिक्षकों के संघ के सदस्य और पदाधिकारी बड़ी संख्या में दिल्ली पहुँचे। उल्लेखनीय है कि हाल ही में डीएवी महाविद्यालय प्रबंधक समिति, नई दिल्ली द्वारा एचएमवी महाविद्यालय को स्वायत्त संस्थान बनाने के प्रस्ताव को पारित किया गया है, जिसका पंजाब कॉलेज शिक्षक संघ और डीएवी समन्वय समिति के नेतृत्व में एचएमवी महाविद्यालय शिक्षक इकाई द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है। इस विरोध का आज सातवाँ दिन है, महाविद्यालय परिसर में धरना, पाँच सदस्यीय क्रमिक भूख हड़ताल और रोषपूर्ण मोमबत्ती मार्च आयोजित किए जा रहे हैं।

पिछले एक सप्ताह से पंजाब के सभी डीएवी महाविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं क्योंकि डीएवी महाविद्यालय प्रबंधक समिति द्वारा शिक्षकों की न्यायोचित और वाजिब मांगों को लंबे समय से नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। इन मांगों में कैरियर उन्नति योजना के अंतर्गत पदोन्नति, 1925 पदों पर कार्यरत शिक्षकों की पूर्ण वेतन पर भविष्य निधि कटौती, सातवाँ वेतन आयोग लागू करना, एरियर की बकाया राशि का भुगतान और कुछ महाविद्यालयों में वेतन में हो रही देरी आदि शामिल हैं।

एचएमवी महाविद्यालय को स्वायत्त संस्थान बनाने की कोशिशों का विरोध भी इनमें प्रमुख है। डीएवी प्रबंधक समिति की 3 जून 2025 को प्रस्तावित बैठक को देखते हुए डीएवी समन्वय समिति ने अन्य विरोध धरनों को स्थगित कर दिया है, परंतु एचएमवी इकाई के सदस्य 3 मई तक स्वायत्तता के विरोध में प्रतिदिन क्रमिक भूख हड़ताल जारी रखेंगे। 4 मई को नई दिल्ली में डीएवी महाविद्यालय प्रबंधक समिति की बैठक के निर्णय के पश्चात् आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

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