दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आज सोमवार को वक्फ अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली पांच याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। इस अहम सुनवाई की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ करेगी। याचिकाओं में एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी की याचिका भी शामिल है, जिसमें इस कानून को संविधान विरोधी बताया गया है। पिछली सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया था कि वह अगली सुनवाई तक वक्फ ‘बाय यूजर’ और अधिसूचित संपत्तियों के साथ कोई छेड़छाड़ न करे। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य बोर्डों में नई नियुक्तियों पर भी फिलहाल रोक रहेगी।अधिनियम के लागू होते ही विभिन्न मुस्लिम संगठनों और कई राजनीतिक दलों ने इसकी वैधता पर सवाल उठाए और सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि यह अधिनियम अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक और सामाजिक स्वतंत्रता के खिलाफ है, और इसके तहत बिना ठोस आधार के संपत्तियों को वक्फ घोषित करने का प्रावधान संविधान के अनुच्छेदों का उल्लंघन करता है।केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि यह कानून संसद में उचित प्रक्रिया और बहस के बाद पारित हुआ है। उन्होंने तर्क दिया कि सरकार का पक्ष सुने बिना कानून पर रोक लगाना न्यायोचित नहीं होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार सभी पक्षों की भावनाओं और न्यायपालिका की चिंताओं को गंभीरता से ले रही है।

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