
*चंडीगढ़ ()* श्री अमृतसर साहिब के हलका मजीठा में हुए शराब कांड से हुई मौतों को सरकारी हत्याएं करार देते हुए पूर्व मंत्री सुरजीत सिंह रखड़ा और सरदार परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा कि यदि संगरूर शराब कांड से सबक लिया गया होता, तो आज मजीठा में यह दुखद घटना नहीं घटती।
जारी बयान में सरदार रखड़ा और ढींडसा ने कहा कि नकली शराब का धंधा कांग्रेस सरकार के समय फला-फूला था, और अब भगवंत मान की सरकार में यह धंधा शराब माफिया में बदल चुका है।
सरदार रखड़ा ने कहा कि यदि संगरूर शराब कांड के वक्त ही सख्त कार्रवाई की गई होती, तो आज अनमोल जानें बचाई जा सकती थीं।
सरदार ढींडसा ने कहा कि यह राज्य का दुर्भाग्य है कि यहाँ शराब माफिया हर साल लोगों की जान ले रहा है। पिछली कांग्रेस सरकार के समय भी सवा सौ से अधिक जानें गईं, लेकिन इसके ज़िम्मेदार लोगों को बचाया गया।
उस समय जांच में बड़े पैमाने पर यह सामने आया था कि राजपुरा, घनौर, पटियाला, तरनतारन और खन्ना में अवैध तरीके से शराब की फैक्ट्रियां चल रही थीं। इनमें छोटे-मोटे लोगों पर भले कार्रवाई हुई हो, पर जो इनके असली सरगना थे, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इसी कारण कांग्रेस सरकार के समय फला-फूला नकली शराब का धंधा अब माफिया राज में बदल चुका है।
सरदार ढींडसा ने कहा कि आज भगवंत मान सरकार के पास एक बड़ा मौका है कि वह अपने ऊपर लगे कलंक को धोए।
जब खुद भगवंत मान तरनतारन शराब कांड के समय कहते थे कि “बड़े मगरमच्छों” को पकड़कर अंदर डालना चाहिए, तो अब बिना देरी के उस पर अमल करना चाहिए।
अगर मुख्यमंत्री भगवंत मान नकली शराब के बड़े मगरमच्छों पर कार्रवाई नहीं कर पाते, तो जिस तरह दिल्ली में शराब माफिया उनकी सरकार को ले डूबा, उसी तरह पंजाब में भी आप सरकार का जाना तय है।
जारी बयान में सरदार ढींडसा ने कहा कि “नशों के खिलाफ जंग” महज एक ड्रामा है। अब पंजाब की जनता ने ‘जंग आप के खिलाफ’ शुरू कर दी है और दिल्ली की तर्ज पर पंजाब में भी आप सरकार का तख्ता पलटने का मन बना चुकी है।
बयान में दोनों नेताओं ने सरकार से समयबद्ध मजिस्ट्रेट जांच की मांग की है। इसके साथ ही इस शराब कांड में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की है।