हिमाचल प्रदेश : सक्रिय मानसून ने प्रदेशभर में भारी तबाही मचा रखी है। लगातार हो रही मूसलधार बारिश से नदियां, नाले और खड्डें उफान पर हैं। देहरा उपमंडल में ब्यास नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। मंडी जिले में पंडोह डैम से 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद ब्यास का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में खतरा मंडराने लगा है। बीते 24 घंटों से लगातार बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है, जिससे हालात और अधिक बिगड़ सकते हैं। देहरा के ऐतिहासिक महाकालेश्वर मंदिर के समीप ब्यास का जलस्तर अब केवल तीन फुट नीचे रह गया है। लगातार बढ़ते जलस्तर से मंदिर के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। यह मंदिर न केवल ऐतिहासिक बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि यहां स्वयं ब्यास नदी दशक में एक बार भगवान शिव के चरणों में नतमस्तक होती है। साथ ही, यह भी कहा जाता है कि जैसे-जैसे पाप बढ़ेगा, यह शिवलिंग धीरे-धीरे पाताल लोक में स्थापित हो जाएगा। स्थानीय गाँव वालों का कहना है कि करीब तीन वर्ष पूर्व भी ब्यास में इसी प्रकार का उफान देखा गया था। उन्होंने प्रशासन से मंदिर की सुरक्षा के लिए त्वरित कदम उठाने की मांग की है।

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