
एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्टस जालंधर में
एपीजे सत्या ग्रुप की प्रथम महिला श्रीमती राजेश्वरी पाॅल जी की 101वीं जयंती के अवसर पर राजेश्वरी कला उत्सव का आयोजन किया गया। ललित कलाओं में उनकी गहरी रुचि ने हमारे संस्थापक श्री सत्या पाॅल जी को राजेश्वरी कला संगम की नींव रखने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर प्रिंसिपल डॉ. नीरजा ढींगरा ने एपीजे एजुकेशन,एपीजे सत्या एवं स्वर्ण ग्रुप की अध्यक्ष और एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी की चांसलर श्रीमती सुषमा पाॅल बर्लिया का संदेश पढ़ा। श्रीमती सुषमा पाॅल बर्लिया जी ने अपने संदेश में कहा कि ” एपीजे एजुकेशन के संस्थापक अध्यक्ष मेरे पिता जी और मेरी माता श्रीमती राजेश्वरी पाॅल न केवल कला की विविध विधाओं के प्रेमी थे, बल्कि भारतीय कला एवं संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रसार के लिए भी तत्पर रहते थे, सादा जीवन एवं उच्च विचार अपनाने वाले, सब में निःस्वार्थ प्रेम बांटने वाले और दयालु स्वभाव के मालिक थे। उन्होंने कहा कि मेरी माता श्रीमती राजेश्वरी पाॅल न केवल एक अच्छी कथक नृत्यांगना थीं, बल्कि वह तैराकी में भी निपुण थीं, उन्हीं की प्रेरणा से डॉ. सत्यपाॅल जी ने राजेश्वरी कला संगम की स्थापना की, ताकि यह कला जन-जन तक पहुंच सके। वही राजेश्वरी कला संगम आज एपीजे कॉलेज के रूप में परफार्मिंग आर्ट्स एवं विज़ुअल आर्ट्स की खुशबू को चारों ओर फैलाकर उनके सपनों को साकार कर रहा है।” इस अवसर पर कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. नीरजा ढींगरा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि केवल हमारे अध्यापक ही नहीं बल्कि विद्यार्थी भी डॉ. सत्यपाॅल जी एवं श्रीमती राजेश्वरी पाॅल जी की विरासत को संभालते हुए निरंतर मेहनत करते हुए कला की खुशबू को पूरे भारत में फैला रहे हैं।
इस अवसर पर संगीत विभाग के विद्यार्थी शिवम, हरसिफत, रमणीक, सोनम, सुखमनी, साहिल तथा काव्या और जीवन ने अपने भजनों और सूफी गायन से सभी का मन मोह लिया। म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट विभाग के विद्यार्थी हर्ष ने बांसुरी पर संगीतमय प्रस्तुति दी। इस अवसर पर काॅलेज की छात्राओं द्वारा ‘प्रथम महिला’ की याद में एक कला प्रदर्शनी भी लगाई गई। डांस विभाग की छात्राओं गार्गी और समर्था ने भारतीय क्लासिकल नृत्य की शानदार प्रस्तुति देकर राजेश्वरी पाॅल जी को याद किया। पंजाबी विभाग की अध्यापिका मैडम अनुराधा ने कार्यक्रम का बेहतरीन मंच संचालन किया। डॉ. ढींगरा ने इस कार्यक्रम की शानदार सफलता के लिए एडवाइजर कल्चरल अफेयरस डॉ. अरुण मिश्रा, डीन यूथ अफेयरस डॉ. अमिता मिश्रा और डॉ. मिक्की वर्मा व डॉ. मोनिका आनंद के प्रयासों की भरपूर सराहना की।