
दुनियाभर के चिकित्सा विशेषज्ञों के बीच, अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने भारत के हेल्थकेयर सेक्टर के लिए एक दूरदर्शी और बदलावकारी सोच को प्रस्तुत किया। उन्होंने आने वाले समय की जरूरतों को देखते हुए पूरे हेल्थ सिस्टम को फिर से डिज़ाइन करने की जरूरत पर ज़ोर दिया।
‘द ताज महल पैलेस होटल’ में आयोजित सोसाइटी फॉर मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी- एशिया पैसिफिक (एसएमआईएसएस-एपी) के 5वें वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए, गौतम अदाणी ने बताया कि उनका उद्देश्य है कि भारत में एआई-आधारित, मल्टीडिसिप्लिनरी हेल्थकेयर इकोसिस्टम तैयार किए जाए, जो सस्ती, बड़े पैमाने पर लागू करने और बेहतरीन ग्लोबल सिस्टम से प्रेरित हों। गौतम अदाणी ने कहा, “हम भारत के आने वाले कल के लिए एक ऐसा हेल्थकेयर सिस्टम बनाने के लिए तत्पर हैं जो एकीकृत हो, समावेशी हो और प्रेरणा देने वाला हो।”
गौतम अदाणी ने भारत में लोअर बैक पेन को विकलांगता का सबसे बड़ा कारण बताया साथ ही उन्होंने जिक्र किया कि ये डायबिटीज़ और हार्ट डिसीज़ से भी ज्यादा फैल चुका संकट है। *उन्होंने कहा,* “यदि हमें अपने देश के सपनों का पूरा भार उठाना है तो सबसे पहले हमें अपने देशवासियों की रीढ़ को स्वस्थ करने पर ध्यान देना होगा।” सम्मलेन में उपस्थित दुनियाभर के स्पाइन सर्जनों और विशेषज्ञों से उन्होंने अनुरोध करते हुआ कहा, “आप सिर्फ मेडिकल लीडर ही न बनें, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी सक्रिय भूमिका निभाएँ।“
*पहले से घोषित अदाणी हेल्थकेयर टेम्पल्स, यानि अहमदाबाद और मुंबई में बनने वाले 1,000 बिस्तर वाले एकीकृत मेडिकल कैंपस का ज़िक्र करते हुए गौतम अदाणी ने कहा कि* “ये विश्वस्तरीय, सस्ते और एआई-आधारित हेल्थकेयर इकोसिस्टम होंगे, जिनमें ऐसा मॉड्यूलर और स्केलेबल इंफ्रास्ट्रक्चर होगा, जो महामारी या किसी भी आपातकालीन स्थिति में बेहद तेज़ी से बढ़ाया जा सकेगा।“ उन्होंने यह भी कहा कि “ये कैंपस क्लिनिकल केयर, रिसर्च और एकेडमिक प्रशिक्षण के उत्कृष्ट केंद्र बनेंगे, जिनका मार्गदर्शन मायो क्लिनिक की डिज़ाइन, मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर, इनोवेशन और वैश्विक विशेषज्ञता से होगा।“
*गौतम अदाणी ने कहा,* “हम हेल्थकेयर में इसलिए नहीं आए, क्योंकि इसकी गति तेज नहीं थी बल्कि इसलिए आए क्योंकि यह गति पर्याप्त नहीं थी। हेल्थकेयर को छोटे-मोटे सुधारों की नहीं, बल्कि एक ऐसे बदलाव की जरूरत है, जो बुद्धिमत्ता और संवेदनशीलता से जुड़ा हो।” उन्होंने एक ऐसे भविष्य हेल्थकेयर सिस्टम का विज़न सामने रखा, जो पाँच प्रमुख सिद्धांतों पर आधारित है :
• ऐसा एकीकृत इलाज, जो ट्रेडिशनल डिपार्टमेंट की दीवारों को तोड़े
• मॉड्युलर और स्केलेबल इन्फ्रास्ट्रक्चर
• रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित टेक्नोलॉजी-सक्षम मेडिकल शिक्षा
• नर्सिंग और पैरामेडिकल ट्रेनिंग में ज्यादा निवेश
• ऐसा हेल्थ इंश्योरेंस मॉडल, जो कागज़ी झंझट के बजाए मरीज को प्राथमिकता दे
गौतम अदाणी ने मेडिकल उद्यमियों से आह्वान किया कि वे नए और साहसिक क्षेत्रों की खोज करें, जैस एआई-आधारित स्पाइनल डायग्नोस्टिक्स, ग्रामीण इलाकों में सर्जिकल यूनिट्स और रोबोटिक स्पाइनल केयर के लिए वैश्विक केंद्र।
*मुंबई में डायमंड ट्रेडिंग से लेकर मुंद्रा में भारत के सबसे बड़े निजी पोर्ट तक का अपना सफर याद करते हुए उन्होंने कहा,* “जिस रीढ़ को आप आज बचाएँगे, वह उसी इंजीनियर की हो सकती है, जो कल पुल बनाएगा, उसी वैज्ञानिक की जो अगली वैक्सीन खोजेगा या उसी उद्यमी की हो, जो अगली अरबों की कंपनी स्थापित करेगा।”
भारत में हेल्थकेयर ने हाल के वर्षों में जरूर प्रगति की है लेकिन कई गंभीर चुनौतियाँ अब भी बनी हुई हैं। भारत सरकार और डब्ल्यूएचओ से जुड़े विश्लेषण के मुताबिक, देश में हर 10,000 लोगों पर सिर्फ 20.6 डॉक्टर, नर्स और दाई मौजूद हैं जबकि डब्ल्यूएचओ का मानक 44.5 प्रति 10,000 का है। ग्रामीण और शहरी इलाकों के बीच का असंतुलन इस कमी को और उजागर करता है। आज भारत के करीब 74% डॉक्टर शहरी इलाकों में काम करते हैं, जिससे ग्रामीण समुदायों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बहुत सीमित हो जाती है।
इनका असर अधिक भीड़भाड़ वाले क्लीनिक, तेज़ी से बढ़ते इलाज के निजी खर्च, और दूरदराज़ इलाकों में गैर-पेशेवर सेवाओं पर निर्भरता की तस्वीर पेश करता है। इन समस्याओं का समाधान सिर्फ छोटे सुधारों से नहीं होगा, इसके लिए जरूरत है एक पूरी व्यवस्था को नए सिरे से डिज़ाइन किया जाए, जिसमें इलाज देने का तरीका, उसका फंडिंग मॉडल, हेल्थ वर्कफोर्स और अलग-अलग क्षेत्रों में विस्तार की रणनीति शामिल हो।
अदाणी ग्रुप की ओर से पहले ही 60,000 करोड़ रुपए का योगदान हेल्थकेयर, शिक्षा और कौशल विकास के लिए दिया जा चुका है। ऐसे में, स्वास्थ्य क्षेत्र में समूह की यह पहल भारत के राष्ट्रनिर्माण मिशन का हिस्सा है। *गौतम अदाणी ने वहाँ मौजूद विशेषज्ञों से कहा* , “भारत तब तक आगे नहीं बढ़ सकता, जब तक उसके लोग खड़े नहीं हो सकते और लोग तब तक खड़े नहीं हो सकते, जब तक आप उनके साथ नहीं हैं। आइए, मिलकर एक महान राष्ट्र की रीढ़ को मजबूत तैयार करें।”