
चेन्नई: भारतीय रेलवे ने हरित ऊर्जा के क्षेत्र में एक और मील का पत्थर स्थापित करते हुए इतिहास रच दिया है! चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में देश की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए इस ऐतिहासिक उपलब्धि की पुष्टि की है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पोस्ट करते हुए लिखा, “पहला हाइड्रोजन से चलने वाला कोच (ड्राइविंग पावर कार) का आईसीएफ, चेन्नई में सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया।” उन्होंने आगे बताया कि भारत 1,200 हॉर्स पावर की हाइड्रोजन ट्रेन विकसित कर रहा है, जो इसे इस तकनीक में अग्रणी देशों में शामिल कर देगा।जिस कोच का परीक्षण किया गया, उसे ‘ड्राइविंग पावर कार’ के नाम से जाना जाता है। रेल मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह कदम हरित ऊर्जा और भविष्य के लिए तैयार परिवहन समाधानों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।पर्यावरण के अनुकूल डीजल और बिजली से चलने वाली ट्रेनों की तुलना में हाइड्रोजन ट्रेनें कहीं ज़्यादा पर्यावरण अनुकूल होती हैं। इस ट्रेन में न तो धुआँ निकलता है और न ही कार्बन डाइऑक्साइड जैसी प्रदूषण फैलाने वाली गैसें निकलती हैं।