
जालंधर:- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर में सामुहिक निशुल्क दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया।
सर्व प्रथम ब्राह्मणो द्वारा मुख्य यजमानो से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन ,नवग्रह पूजन उपरांत सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।
सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने अलौकिक हवन यज्ञ में उपस्थित प्रभु भक्तों को छप्पन भोग की बधाई देते छप्पन भोग के बारे में विस्तारपूर्वक ब्याखान करते हुए कहा कि जीवन में हमें जो कुछ मिला है, वस्तुत: वह हमारे कर्मो का फल होता है, परंतु जब हम उसे प्रभु का दिया हुआ प्रसाद मानकर ग्रहण करते हैं तो बात कुछ और होती है। हमारा हर कर्म पूजा बन जाता है। यही बात भोजन के संदर्भ में भी लागू हो सकती है। कोई चीज जब हम खाने से पहले भगवान को चढ़ाकर यानी अर्पित करके खाते हैं तो वह भोजन भी प्रसाद बन जाता है। इसलिए जो भगवान के भक्त होते हैं वे भोजन से पहले कहते हैं-हे प्रभु, तुम्हारी दी हुई वस्तु पहले मैं तुम्हें समर्पित करता हूं। और भला वे ऐसा क्यों न करें, क्योंकि हमें यह जो मानव शरीर मिला है वह उसका दिया हुआ ही तो है।
नवजीत भारद्वाज जी कहते है कि गीता में भगवान श्रीकृष्ण स्वयं कहते हैं कि कोई भक्त यदि प्रेमपूर्वक मुझे फल-फूल, अन्न, जल आदि अर्पित करता है तो उसे मैं प्रेमपूर्वक सगुण रूप में प्रकट होकर ग्रहण करता हूं। भक्त की यदि भावना सच्ची हो, श्रद्धा और आस्था प्रबल हो तो भगवान उसके भोजन को अवश्य ग्रहण करते हैं। जैसे भगवान राम ने शबरी के बेर खाए, भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा के तंदुल (चावल) खाए, विदुरानी का साग और मक्की की रोटी खाई। प्रभु की कृपा महान है। उसकी कृपा से जो कुछ भी अन्न-जल हमें प्राप्त होता है, उसे प्रभु का प्रसाद मानकर प्रभु को अर्पित करना, कृतज्ञता प्रकट करने के साथ एक मानवीय गुण भी है।
कुछ लोग यह प्रश्न भी करते हैं कि जब भगवान चढ़ाया हुआ प्रसाद खाते हैं तो घटता क्यों नहीं? उनका कथन भी सत्य है। जिस प्रकार फूलों पर भौंरा बैठता है और फूल की सुगंध से तृप्त हो जाता है, किंतु फूल का वजन नहीं घटता उसी प्रकार प्रभु को चढ़ाया प्रसाद अमृत होता है। प्रभु व्यंजन की सुगंध और भक्त के प्रेम से तृप्त हो जाते हैं। वे भाव के भूखे हैं, भोजन के नहीं। जब भगवान भी तृप्त होते हैं, प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं।
आज मां बगलामुखी जी को छप्पन भोग लगे जिसमें विशेष रूप से खीर मालपुआ का भी भोग महामाई को लगाया गया।
इस अवसर पर श्री कंठ जज, श्वेता भारद्वाज, निर्मल शर्मा, राकेश प्रभाकर,पूनम प्रभाकर ,सरोज बाला, समीर कपूर, विक्की अग्रवाल, अमरेंद्र कुमार शर्मा, अमृतपाल, प्रदीप , दिनेश सेठ,सौरभ भाटिया,विवेक अग्रवाल, जानू थापर,दिनेश चौधरी,नरेश,कोमल,वेद प्रकाश, मुनीष मैहरा, जगदीश डोगरा, ऋषभ कालिया,रिंकू सैनी, कमलजीत,बावा खन्ना, धर्मपालसिंह, अमरजीत सिंह, उदय ,अजीत कुमार , नरेंद्र ,रोहित भाटिया,बावा जोशी,राकेश शर्मा, अमरेंद्र सिंह, विनोद खन्ना, नवीन , प्रदीप, सुधीर, सुमीत ,जोगिंदर सिंह, मनीष शर्मा, डॉ गुप्ता,सुक्खा अमनदीप , अवतार सैनी, परमजीत सिंह, दानिश, रितु, कुमार,गौरी केतन शर्मा,सौरभ ,शंकर, संदीप,रिंकू,प्रदीप वर्मा, गोरव गोयल, मनी ,नरेश,अजय शर्मा,दीपक , किशोर,प्रदीप , प्रवीण,राजू, गुलशन शर्मा,संजीव शर्मा, रोहित भाटिया,मुकेश, रजेश महाजन ,अमनदीप शर्मा, गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन शर्मा, ऐडवोकेट शर्मा,वरुण, नितिश,रोमी, भोला शर्मा,दीलीप, लवली, लक्की, मोहित , विशाल , अश्विनी शर्मा , रवि भल्ला, भोला शर्मा, जगदीश, नवीन कुमार,निर्मल,अनिल,सागर,दीपक,दसोंधा सिंह, प्रिंस कुमार, पप्पू ठाकुर, दीपक कुमार, नरेंद्र, सौरभ,दीपक कुमार, नरेश,दिक्षित, अनिल, कमल नैयर, अजय,बलदेव सिंह भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।