एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर हमेशा कॉलेज के विद्यार्थियों में आत्मविश्वास का बल प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाता ही रहता है। इसी श्रृंखला में कॉलेज के स्टूडेंट सैंट्रल एसोसिएशन एवं एनएसएस विंग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय युवा-दिवस का आयोजन करवाया गया। डॉ नीरजा ढींगरा ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि 12 अगस्त को पहली बार 1999 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस घोषित किया गया था, और यह परिवर्तन में आवश्यक भागीदार के रूप में युवा महिलाओं और पुरुषों की भूमिका के वार्षिक उत्सव के रूप में कार्य करता है, और विश्व के युवाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अवसर प्रदान करते हुए उन्हें समाधान तक पहुंचने में भी मदद करता है। डॉ ढींगरा ने कहा कि यूनिसेफ की मान्यता के अनुसार भारत में सर्वाधिक युवाओं 15-29 तक की आयु वाले 371 मिलियन जनसंख्या है जो विश्व स्तरीय सकारात्मक बदलाव लाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।अंतर्राष्ट्रीय युवा-दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं काव्य- उच्चारण, निबंध-लेखन,रील मेकिंग,रंगोली, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन करवा कर उन्हें इस दिवस के महत्व से परिचित करवाया गया। डॉ ढींगरा ने इस विशेष दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा प्रदान करने के लिए कार्यक्रम प्रभारी डॉ सीमा शर्मा, डॉ मोनिका आनंद, डॉ जगमोहन मागो एवं डॉ सिम्की देव के प्रयासों की भरपूर सराहना करते हुए का कि वे इसी तरह विशेष दिवसों के महत्त्व से विद्यार्थियों को परिचित करवाते रहे।

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