जालंधर: मानसून ने देश के कई राज्यों में भारी तांडव दिखाया है। इस तबाही की चपेट में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र में आया है। लगातार हो रही बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं। अचानक से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। इन प्राकृतिक आपदाओं के बीच हज़ारों लोग बेघर हो गए हैं। बाढ़ के चलते कई लोगों को अपने घरों को छोड़कर दूसरे स्थानों पर जाना पड़ा। सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति हिमाचल में देखने को मिली है। यहां भूस्खलन, बादल फटने और अचानक आई बाढ़ की तकरीबन 90 से ज्यादा घटनाएं दर्ज की गई हैं। राज्य में सैकड़ों सड़कें और पुल बह गए, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सोमवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जैसे जिलों में बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके चलते पांच जिलों में सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। सतलुज, ब्यास और रावी जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे पठानकोट, गुरदासपुर, फिरोजपुर जैसे कई जिलों के गांव और खेत पानी में डूब गए हैं। सरकार ने 3 सितंबर तक सभी कॉलेजों और स्कूलों को बंद कर दिया है। सेना और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्यों में जुटी हैं।

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