अयोध्या: इस साल दिवाली पर अयोध्या एक ऐसा नज़ारा पेश करने जा रही है जो न केवल भव्य होगा, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश भी देगा। दीपोत्सव 2025 के दौरान जब राम जन्मभूमि 26 लाख दीपों की रौशनी में नहाएगी, तब उसमें से 5 लाख दीपक ऐसे होंगे जो गाय के गोबर और औषधीय सामग्रियों से तैयार किए गए हैं। ये दीपक न केवल दिखने में खास हैं, बल्कि कई बार जलाए जा सकने वाले, टिकाऊ और पूरी तरह प्राकृतिक भी हैं।इन खास दीपकों को तैयार करने का जिम्मा राजस्थान के जयपुर से आईं लगभग 50 महिलाओं ने संभाला है। ये महिलाएं जयपुर की पांच अलग-अलग स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़ी हुई हैं और टोंक रोड की एक गौशाला में रोज़ाना हज़ारों दीपक बना रही हैं। “माता रानी स्वयं सहायता समूह” से जुड़ी महिलाएं दिनभर में करीब 5,000 गोमय दीपक तैयार कर रही हैं। एक दीपक को बनाने में सिर्फ 1 से 2 मिनट का समय लगता है, लेकिन उसका असर लम्बे समय तक रहता है।

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