
लुधियाना: उपचार के लिए दयानंद अस्पताल गया मरीज जब डिस्चार्ज होकर लौटा तो उसके डिस्चार्ज कार्ड में वह बीमारियां भी लिख दी गई, जो उसे है ही नहीं। 50 वर्षीय मरीज शिवनंदन विनायक ने बताया कि 22 जुलाई को वह बुखार के कारण दयानंद अस्पताल में भर्ती हुआ था और वहां पर 8 अगस्त तक भर्ती रहा। अस्पताल में डिस्चार्ज होने के समय उसके कार्ड में 10 साल पुरानी टी.बी. तथा डायबिटीज टाइप 2 का मरीज घोषित कर दिया गया जबकि यह दोनों बीमारियां उसे कभी हुई ही नहीं। उन्होंने बताया कि जब उनकी पत्नी ने अस्पताल में डॉक्टर से संपर्क किया तो उसे उनसे दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों ने तो यहां तक कह दिया कि उन्हें कुछ याद नहीं। वह कब भर्ती हुए थे। जब उन्हें कहा गया कि यह सारा तो अस्पताल के रिकॉर्ड में दर्ज है। अगर डिस्चार्ज समरी के मुताबिक उनके पति का उपचार किया गया है तो वह गलत है। इसके अलावा उन्हें यह आशंका है कि गलत दवाइयां देने के कारण अस्पताल में उनके पति की तबीयत बिगड़ी रही