चंडीगढ़ :भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं हलका इंचार्ज गिल, श्री एस. आर. लद्धड़ (भूतपूर्व IAS) ने पंजाब सरकार द्वारा 19 सितम्बर 2025 को लिये गये इस निर्णय की कड़ी निंदा की है, जिसमें 12 लाख गरीब लाभार्थियों को मुफ्त राशन योजना से बाहर कर दिया गया।
निर्दयी समय – जब पंजाब बाढ़ से जूझ रहा है
•पंजाब इस समय भयंकर बाढ़ से प्रभावित है।
•अब तक 1400 से अधिक गाँव प्रभावित, फसलें नष्ट, और लगभग 56 लोगों की जानें जा चुकी हैं।
•लाखों परिवार बेघर और भूखे हैं।
•ऐसे कठिन समय में पंजाब सरकार ने गरीब परिवारों से मुफ्त राशन छीनने का अमानवीय कदम उठाया है।
योजना की पृष्ठभूमि
•मुफ्त राशन योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के अंतर्गत चलती है।
•केंद्र सरकार का योगदान: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार 100% अनाज और परिवहन का खर्च उठाती है।
•राज्य सरकार की भूमिका: डिपो से अनाज उठाना, राशन डिपो के माध्यम से वितरण करना और लाभार्थी सूची का प्रबंधन।
•लाभार्थियों के चयन के मानदंड केंद्र सरकार तय करती है, परंतु जोड़ने और हटाने का काम राज्य सरकार करती है।
पंजाब में हटाने और जोड़ने का इतिहास
•2022 में आम आदमी पार्टी सरकार ने 10.73 लाख लाभार्थियों को हटा दिया था।
•2024 लोकसभा चुनाव से पहले इन्हें राजनीतिक दबाव में फिर से बहाल कर दिया।
•अब सितम्बर 2025 में फिर से 12 लाख परिवार हटाए जा रहे हैं, जिससे साफ है कि आम आदमी पार्टी गरीबों के राशन को वोट बैंक की राजनीति का हथियार बना रही है।
फैसले के पक्ष और विपक्ष
AAP का दावा (फायदे):
•अपात्र परिवार हटाए जा रहे हैं।
•सूची को तर्कसंगत बनाया जा रहा है।
•फर्जी राशन कार्ड रोके जा रहे हैं।
जमीनी सच्चाई (नुकसान):
•अधिकतर हटाए गये नाम गरीबों, भूमिहीनों, अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्गों, दिहाड़ी मजदूरों और प्रवासी मज़दूरों के हैं।
•बाढ़ के समय यह निर्णय निर्दयता और क्रूरता से कम नहीं।
•लाखों परिवारों को भूख और खाद्य असुरक्षा की ओर धकेला जा रहा है।
•यह आम आदमी पार्टी की दलित-विरोधी और गरीब-विरोधी मानसिकता को उजागर करता है।
•दूसरी ओर, मुख्यमंत्री भगवंत मान करोड़ों रुपये विज्ञापनों और राजनीतिक दिखावे पर खर्च कर रहे हैं।
राजनीतिक सच
•2024 चुनाव से पहले बहाली और अब 2025 में फिर से हटाना इस बात का सबूत है कि AAP सिर्फ भूख और राशन के साथ राजनीति कर रही है।
•यह फैसला दिखाता है कि AAP सरकार निर्दयी, अवसरवादी और जनता-विरोधी है।
भाजपा की माँग
•इस अमानवीय फैसले को तुरंत वापस लिया जाए
•केंद्र की निगरानी में पारदर्शी जाँच करवाई जाए, ताकि कोई भी गरीब परिवार राशन से वंचित न रहे।
•बाढ़ प्रभावित सभी परिवारों के लिए विशेष मुफ्त राशन पैकेज जारी किया जाए।
“जब पंजाब बाढ़ से त्रस्त है, तब मान सरकार ने भूखे लोगों के मुँह से निवाला छीन लिया। पंजाब के गरीब, दलित और किसान इस विश्वासघात को कभी माफ़ नहीं करेंगे,” श्री लद्धड़ ने कहा।
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