
सी टी यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज़ ने “ज़ेब्राफ़िश मॉडल्स इन फार्मास्यूटिकल रिसर्च” विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया।
इस कार्यशाला में नेपाल से आए 10 शोधकर्ता और भारत के विभिन्न राज्यों से 27 छात्र शामिल हुए। इस आयोजन ने सी टी यूनिवर्सिटी की अंतरराष्ट्रीय सहयोग और वैश्विक शिक्षा को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाया।
कार्यशाला का नेतृत्व स्कूल ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज़ के प्रिंसिपल डॉ. विर विक्रम ने किया। उनके मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक प्रशिक्षण का उत्कृष्ट मिश्रण रहा।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को यह समझाना था कि दवाओं की खोज, विषाक्तता जांच और बायोमेडिकल रिसर्च में ज़ेब्राफ़िश एक शक्तिशाली मॉडल जीव के रूप में कैसे काम करता है।
प्रतिभागियों को ज़ेब्राफ़िश की देखभाल, व्यवहार अध्ययन और नैतिक शोध पद्धतियों का प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें मछलियों के सुरक्षित स्थानांतरण, तनाव कम करने और उचित पानी की गुणवत्ता, तापमान व प्रकाश चक्र बनाए रखने जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर व्यावहारिक अभ्यास कराया गया।
सत्रों में यह भी सिखाया गया कि दवाओं के प्रभाव और विषाक्तता को जांचने के लिए ज़ेब्राफ़िश के व्यवहार का विश्लेषण कैसे किया जाता है — जो आधुनिक दवा अनुसंधान में बहुत आवश्यक है।
कार्यशाला में नैतिक अनुसंधान पर भी विशेष ध्यान दिया गया। प्रतिभागियों को यह बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार मछलियों के साथ मानवीय और संवेदनशील व्यवहार करना कितना जरूरी है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. दिनेश कुमार बादयाल, वाइस प्रिंसिपल, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (CMC), लुधियाना ने अपने संबोधन में कहा कि “ज़ेब्राफ़िश जैसे आधुनिक जैविक मॉडल अपनाने से दवा अनुसंधान और बायोमेडिकल अध्ययन में नई दिशा मिलेगी।”
उन्होंने सी टी यूनिवर्सिटी की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान शिक्षा और शोध को जोड़ने का शानदार उदाहरण है।
सी टी यूनिवर्सिटी के चांसलर सरदार चरणजीत सिंह चन्नी ने इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा,
“हमें गर्व है कि सी टी यूनिवर्सिटी ऐसे अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों के माध्यम से युवा शोधकर्ताओं को आधुनिक कौशल और नैतिक मूल्यों से सशक्त बना रही है।”
प्रो चांसलर डॉ. मनबीर सिंह ने कहा,
“ऐसे वर्कशॉप हमारे विद्यार्थियों को व्यावहारिक शिक्षा और शोध उत्कृष्टता की दिशा में आगे बढ़ाते हैं। वैश्विक दृष्टिकोण और नैतिक अनुसंधान को जोड़कर हम उन्हें भविष्य के नवाचार नेता बनने के लिए तैयार कर रहे हैं।”
कार्यशाला का समापन उत्साहपूर्ण माहौल में हुआ। प्रतिभागियों ने कहा कि यह अनुभव उनके लिए बेहद उपयोगी और प्रेरणादायक रहा — जहां उन्हें विशेषज्ञों से सीखने और उन्नत प्रयोगशाला तकनीकों को समझने का अवसर मिला।
यह आयोजन सी टी यूनिवर्सिटी की उस सोच को और मजबूत करता है, जिसके तहत वह वैश्विक स्तर पर सक्षम और नैतिक मूल्यों से युक्त शोधकर्ताओं को तैयार करने का कार्य कर रही है।
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