
जालंधर:- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर में सामुहिक निशुल्क दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया।
सर्व प्रथम ब्राह्मणो द्वारा मुख्य यजमान मयंक कपूर से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन ,नवग्रह पूजन उपरांत सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।
सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित प्रभु भक्तों पर प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए मधुर भजन की चंद लाईनें प्रस्तुत करते हुए कहा कि आनन्द स्रोत बह रहा पर तू उदास है, अचरज ये जल में रह के भी मछली को प्यास है।
नवजीत भारद्वाज इस भजन से प्रभु भक्तों कहा कि ये एक बहुत ही गहरा और आध्यात्मिक भजन का अंश है, इसके पीछे की भावना संत कबीर जैसे कई संतों की शिक्षाओं में मिलती है। यह मनुष्य की उस विडंबनापूर्ण स्थिति को दर्शाता है, जहाँ उसके पास आनंद का शाश्वत स्रोत मौजूद होते हुए भी वह दुखी और बेचैन रहता है।
नवजीत भारद्वाज जी ने प्रभु भक्तों को बड़े सटीक ढंग से समझाते हुए कहते है कि दुनिया में हर तरफ आनंद का प्रवाह है, लेकिन फिर भी इंसान उदास और दुखी है। यह आनंद का स्रोत कोई और नहीं, बल्कि परमात्मा या आत्मिक शांति है, जो हमारे भीतर और चारों ओर मौजूद है। लेकिन मनुष्य उसे बाहरी दुनिया में ढूँढता रहता है, जिससे वह कभी संतुष्ट नहीं हो पाता।
मछली हमेशा पानी में रहती है, जो उसके जीवन का आधार है, फिर भी वह प्यासी रहती है, क्योंकि वह उस पानी की महत्ता को नहीं समझ पाती।
नवजीत भारद्वाज जी ने व्याख्या करते हुए कहा कि हम सभी ईश्वर या आत्म-ज्ञान के सागर में ही रहते हैं। हमारे चारों ओर और भीतर भी वही दिव्यता मौजूद है। लेकिन हम अपनी अज्ञानता के कारण सांसारिक मोह-माया में फँसकर भटकते रहते हैं और जीवन भर शांति के लिए तरसते हैं। सच्चा और स्थायी आनंद हमारे मन और आत्मा के भीतर होता है। मछली की तरह हम अपनी अज्ञानता के कारण उस परम आनंद को महसूस नहीं कर पाते, जो हमेशा हमारे पास होता है।
नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि यह भजन हमें आत्म-मंथन करने, ज्ञान-चक्षु खोलने और अपने जीवन के उद्देश्य पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है। हमें आत्म-शुद्धि के लिए समय निकालना चाहिए, क्योंकि मनुष्य जीवन का लक्ष्य केवल विलासिता नहीं है। जैसे फूलों में खुशबू और गन्ने में मिठास छिपी होती है, वैसे ही ईश्वर संसार के हर कण में मौजूद है। बस हमें उसे महसूस करना है। हमारे अंदर अनंत खुशी का भंडार है, बस हमें उसे खोजने की जरूरत है।
इस अवसर श्वेता भारद्वाज, राकेश प्रभाकर,पूनम प्रभाकर ,सरोज बाला, समीर कपूर, विक्की अग्रवाल, अमरेंद्र कुमार शर्मा, प्रदीप , दिनेश सेठ,सौरभ भाटिया,कोमल,वेद प्रकाश, मुनीष मैहरा, जगदीश डोगरा, ऋषभ कालिया,अजीत कुमार , नरेंद्र ,रोहित भाटिया,बावा जोशी,गौरी केतन शर्मा,सौरभ ,शंकर, संदीप,रिंकू,संजीव शर्मा, रोहित भाटिया,मुकेश, रजेश महाजन ,गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन,दीलीप, लवली, लक्की, जगदीश, नवीन कुमार, निर्मल,अनिल,सागर,दीपक, प्रिंस कुमार, पप्पू ठाकुर, दीपक कुमार, नरेंद्र, सौरभ,दीपक कुमार, नरेश,दिक्षित, अनिल, कमल नैयर, अजय सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।