
फगवाड़ा 5 नवंबर (शिव कौड़ा) फगवाड़ा के कांग्रेसी विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल ने प्रदेश प्रधान कांग्रेस अमरिंदर सिंह राजा बड़िंग की तरफ से देश के पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री डॉ. बूटा सिंह के खिलाफ की गई रंग संबंधी टिप्पणी गलत है। उन्होंने कहा कि भले ही राजा बडिंग की मंशा पूर्व गृहमंत्री के खिलाफ गलत नहीं थी, लेकिन उनकी तरफ से इस्तेमाल किए शब्द सही नहीं थे। जिससे कहीं न कहीं दलित समाज की भावनाएं आहत हुई हैं।भविष्य में भी कांग्रेसी नेताओं को इस तरह की शब्दावली का इस्तेमाल करने से बचना होगा। उन्होंने कहा कि डॉ. बूटा सिंह हमेशा कांग्रेस के सम्मानीय नेता रहे हैं और रहेंगे। दलित समाज के उत्थान और देश की राजनीतिक में सहारनीय योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता रहेगा। वह कांग्रेस के सिर का ताज और दलित समाज के हीरे थे।धालीवाल ने कहा कि जालंधर के मुस्तफापुर में जन्में डॉ. बूटा सिंह मजहबी वाल्मीकि समाज के बहुत ही पढ़े लिखे राजनेता थे। जिन्होंने उस समय मेहनत करके एम.ए और पी.एचडी की पढ़ाई की और राजनीति में अपना अलग मुकाम हासिल किया, जब देश में दलित समाज के हालात बहुत अच्छे नहीं थे। उन्होंने न केवल दलित समाज के उत्थान के लिए काम किया, बल्कि वह देश के गृहमंत्री के पद तक पहुंचे। किसी भी व्यक्ति की शिक्षा, हुनर और व्यक्तित्व के आगे त्वचा का रंग मायने नहीं रखता है।विधायक ने बताया कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के करीबी रहने वाले डॉ. बूटा सिंह का राजनीतिक सफर बहुत ही प्रशंसनीय रहा है। वह पहली बार 1962 में अकाली दल से मोगा सीट जीतकर लोकसभा सांसद बने थे, लेकिन बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए। फिर 1967 से लेकर 13वीं लोकसभा तक 7 बार कांग्रेस से सांसद बने रहे।धालीवाल ने कहा कि वह अपने राजनीतिक कैरियर में विभिन्न पदों पर रहे। बिहार के गवर्नर भी बने और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन भी रहे। इस पद पर रहते वह दलित समाज की आवाज बने रहे।