
फगवाड़ा (शिव कौड़ा) गत दिवस दोआबा साहित्य एवं कला अकादमी की मासिक बैठक का आयोजन स्थानीय आर्य माडल सी.सै. स्कूल, गऊशाला रोड पर अकादमी के प्रमुख डा.जवाहर धीर की अध्यक्षता में हुआ, जिसमें उपस्थित सदस्यों ने न सिर्फ अपनी-अपनी रचनाएं सुनाईं, अपितु विभिन्न सामाजिक विषयों पर चर्चा करते हुए यह संदेश देने का प्रयत्न किया कि साहित्यकार भी देश व समाज की हर बात पर नज़र रखता है। वरिष्ठ शायर हरचरण भारती ने कहा कि अब हमें यह समझना चाहिए कि आज की राजनीति देश को खोखला कर रही है, खुशहाल नहीं। जबकि राजेश अध्याय ने देश के राजनेताओं को संदेश दिया कि वे अपना व्यवहार बदल लें वर्ना देश के लोगों के गुस्से को शांत करना मुश्किल हो जाएगा।अमेरिका से पधारे पत्रकार ओम प्रकाश कमल और डा. जवाहर धीर ने रेलगाड़ियों में यात्रियों को लूटने वाले गिरोहों के भय से जुड़े किस्से सुनाते हुए बताया कि अब रेलयात्रा भी सुरक्षित नहीं है। प्रसिद्ध समाजसेवी मलकीत सिंह रघवौत्रा ने ब्ल्ड बैंक में आगामी 17 नवम्बर को लगने जा रहे कैंसर चैकअप कैंप से संबंधित जानकारी देते हुए कहा कि आप अपनी जीवनशैली को सुरक्षित एवं स्वस्थ रखने की कोशिश करें क्योंकि आज हमारा खान-पान अच्छा नहीं है।
इसके बाद कार्यक्रम के दूसरे सत्र की शुरुआत अकादमी के सचिव डा.यश चोपड़ा की पंजाबी कविता विचार से हुई जिसमें उन्होंने संदेश दिया कि विचार ही जीवन है और आदमी को अपने विचारों पर नज़र रखनी चाहिए। जाने माने कवि हरचरण भारती ने अपनी उदासी से भरी कविता ‘सनम हाल-ए-दिल हमारा देख लो’ सुनाकर महफ़िल में उदासी ला दी।कवि दिलीप कुमार पाण्डेय ने अपनी लम्बी कविता ‘मौन का करुणा क्रंदन’ सुनाते हुए संदेश दिया कि नेता और दबंग लोगों के आगे जनता आज भी विवश है। इसके बाद ‘दो घूंट पी के मैं जीने लगा हूं’ कविता सुनाते हुए कवि राजेश अध्याय ने बताया कि कभी- कभी हालात ऐसे बनते हैं कि आदमी पीने को विवश हो जाता है। वरिष्ठ शायर टी.डी. चावला ने अपने जीवन के अनुभवों से सीख देती कविता सुनाई। लेखक डा.जवाहर धीर ने अपनी ताज़ा लघुकथा ‘रिश्ते टूटा नहीं करते’ सुनाकर सदस्यों को सोचने पर विवश कर दिया कि पति-पत्नी में बिगड़े रिश्तों का हल तलाक़ नहीं है। इस अवसर पर अशोक कुमार शर्मा भी उपस्थित थे।